शासकीय कर्मचारि, व्यापारी एवं पूंजीपति सेठ साहूकार ने भी कर रखा है शासकीय भूमि पर कब्जा एवं अवैध निर्माण
बरपाली:: केंद्र सरकार ने गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं पूर्व में इंदिरा आवास एवं वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास, पर यदि सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास के घर ही बिकने लग जाए तो इसे क्या कहेंगे ऐसा ही एक मामला कोरबा जिले के करतला विकासखंड के ग्राम बरपाली में देखने को मिल रहा है, कोरबा जिला के नवीन तहसील एवं ग्राम पंचायत बरपाली में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा एवं उसकी खरीदी बिक्री, गिरवी का धंधा बढ़ता ही जा रहा है जिसको रोकना प्रशासन की एक बड़ी चुनौती है ।इसी संबंध में बरपाली पंचायत के सरपंच एवं सचिव के द्वारा गुरुबारिन बाई महंत की लिखित शिकायत बरपाली तहसीलदार से की गई है और बताया गया है कि गुरुबारिन बाई महंत को जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आबंटित हुआ था जिसको बनाकर वह रह रही थी उसको उसने किसी के पास बिक्री किया है तथा सरपंच के द्वारा बार बार समझाईस देने पर भी भ्रमित किया गया और बोली कि आवास को गिरवी रखी हूँ और गुरुबारिन बाई महंत वर्तमान में अपने इस प्रधानमंत्री आवास को छोड़कर अन्यंत्र निवास कर रही है।बरपाली सरपंच एवं सचिव के द्वारा तहसीलदार से इस अवैध धंधे की जांच कर उस पर त्वरित कार्यवाही की मांग की है। वर्तमान में पदस्थ तहसीलदार आराधना प्रधान के सामने क्षेत्र में विशेषकर ग्राम पंचायत बरपाली में हो रहे शासकीय भूमि के अवैध कब्जे एवं अवैध खरीदी बिक्री को रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी। यह चुनौती इसलिए बढ़ती जा रही है क्योंकि बरपाली में पहले सिर्फ गरीब वर्गों के द्वारा ही बेजा कब्जा किया जाता था, किंतु विगत कुछ वर्षों से पूंजीपति, सेठ साहूकार, बिजनेसमैन एवं शासकीय कर्मचारियों के द्वारा भी शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। पूर्व में अवैध कब्जा हटाने के लिए नवीन तहसील बरपाली में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार रविशंकर राठौर के द्वारा कार्यवाही प्रारंभ किया गया था किंतु रविशंकर राठौर के स्थानांतरण हो जाने के पश्चात यह अभियान शिथिल पड़ गया है और कब्जा धारियों को इस शिथिलता से बल मिल रहा है और बरपाली में आये दिन किसी न किसी के द्वारा अवैध कब्जा एवं ख़रीदी बिक्री देखने को मिल रहा है ,जिससे आने वाले समय में ग्राम पंचायत बरपाली में अवैध कब्जे को हटाना बहुत बड़ी चुनौती होगी, यंहा तक के अब शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारी भी इस अवैध कारोबार में लिप्त हो गये है, और शासकीय भूमि में अवैध कब्जे के साथ ही आधुनिक मकान निर्माण कर दिया जा रहा है, अब आने वाले दिनों में नव नियुक्त तहसीलदार पर ये जिम्मेदारी होगी कि इस बेलगाम कब्जो पर नकेल कसे ।ग्राम पंचायत बरपाली ब्लॉक के लिए प्रस्तावित है जिसकी घोषणा मात्र बाकी है और यदि बरपाली ब्लॉक बन जाता है और यहाँ ब्लॉक ऑफिस के लिए भूमि की आवश्यकता हुई तो बरपाली में सुई की नोक के बराबर शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है इसी को ध्यान में रखकर प्रशासन को इस अवैध कब्जे खरीदी बिक्री के विषय मे शिकायत की गई है और कारवाही की मांग की गई है।