छत्तीसगढ़ कोरबा ::- अंबिकापुर के रास्ते झारखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे संख्या 130 बी पर हादसों की रफ्तार पिछले कुछ दिनों से बनी हुई है। यहां पर इंसानों के साथ-साथ मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी है। इसे देखते हुए प्रशासन ने जिले की सीमा के क्षेत्र में लगातार निगरानी करना तय किया है। इस दौरान मौके पर पशु पाए जाएंगे तो उनके मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले उन्हें समझाइश देने का काम किया जाएगा।
आम रास्ते पर मवेशियों की उपस्थिति के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं इनमें जनहानि के साथ-साथ पशुधन को भी नुकसान हो रहा है कोरबा जिले में इस तरह की घटनाएं हाल में ही बड़ी हैं बिलासपुर अंबिकापुर को जाने वाले नेशनल हाईवे संख्या 130 भी पर ऐसे हादसे कुछ ज्यादा हो रहे हैं कटघोरा और बांगो पुलिस थाना क्षेत्र मैं नेशनल हाईवे के रास्ते पर 3 दिन के भीतर 25 से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है ऐसे सभी मवेशी हाईवे पर मौजूद थे और इसी दौरान वे वाहन की चपेट में आने के साथ हमेशा के लिए समाप्त हो गए। इन घटनाओं ने पशुपालकों की चिंता बढ़ाई है वही उन्हें सोचने के लिए भी मजबूर किया है की सरकार के द्वारा चलाए जा रहे रोका छेका अभियान के बावजूद उनके मवेशी सही जगह के बजाय हाईवे पर कैसे पहुंच गए .!! क्षेत्र में हो रही घटनाओं को लेकर प्रशासन हरकत में आ गया है
पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम संजय मरकाम ने बताया कि हाईवे पर हादसे बढ़ रहे हैं सरकार के द्वारा मवेशियों की उपस्थिति सड़कों और हाईवे पर ना हो इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है प्रशासन ने तय किया है कि लगातार हाईवे पर निगरानी की जाएगी। निगरानी के गांव में निचले कर्मियों के अलावा अधिकारी भी शामिल होंगे
साथ ही हाईवे पर पशुओं के पाए जाने की स्थिति में उनके मालिकों पर पेनल्टी की जाएगी व लोगों को समझाइश दी जाएगी. बारिश के मौसम में पशु पालकों के द्वारा अपने मवेशियों को खुला छोड़ देने की प्रवृत्ति कुल मिलाकर खतरनाक बनती जा रही है इसी के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं . एक तरफ प्रदेश सरकार ने मवेशियों को सही स्थान पर रखे जाने के लिए व्यवस्था कर रखी है, योजना पर भारी-भरकम खर्च भी किया जा रहा है इसके बावजूद अगर लोग नहीं सुधरते हैं तो फिर कार्रवाई करना की एकमात्र विकल्प बाकी रह जाता है!!