महिलाएं सोशल मीडिया में भावनात्मक बात शेयर करने से बचे
वेबिनार में अम्बिकापुर क्षेत्र की महिलाओं ने भाग लिया
रायपुर 28 अगस्त 2021/राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रायोजित वेबिनार श्रृंखला के तहत छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा तथा आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक के अगुवाई में आज के वेबिनार में अम्बिकापुर क्षेत्र की महिलाओं ने भाग लिया।
वेबिनार का विषय ‘‘महिलाओं के सोशल मिडिया प्लेटफाॅर्म पर दुर्व्यवहार एवं साइबर क्राइम‘‘ था।
इस वेबिनार में प्रश्नोत्तरी का जवाब आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने दिया। कार्यक्रम के वक्ता श्रीमती निरूपमा वाजपेयी अधिवक्ता उच्च न्यायालय, डाॅ. सुनंदा ढेंगे फाॅरेंसिक एक्सपर्ट थे।
इस वेबिनार में अम्बिकापुर क्षेत्र से महिलाएं जुड़ी थी और इस पूरे वेबिनार में महिलाओं को जोड़ने का कार्य राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा ने किया। सभी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वेबिनार के समापन के पश्चात् आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक सहित सभी वक्ताओ ने भी वेबिनार में आये प्रश्नों के जवाब दिए।सोशल मिडिया प्लेटफाॅर्म के संबंध में सभी शंकाओं का समाधान भी किया।
अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक ने कहा महिला आयोग में कई ऐसे मामले आते है जिनमें महिलाओं के पुरूष मित्र होते है जो उनकी फोटो का दुरूपयोग कर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश करते है। उन फोटोग्राफ्स को देखकर हमें दुख, सहानुभूति भी होती है किन्तु हम करें क्या ? कई जगहों पर देखने में आता है कि महिला के नाम से पुरूष आईडी बनाकर, अपने प्यार के जाल में फंसाकर उनसे ठगी कर लेते है।इससे महिलाओं को बचने की जरूरत है। जब भी इस तरह की घटना होती है तो उसे छिपाना नहीं चाहिये। अपने परिजनों को इसकी जानकारी देनी चाहिये। महिलाएं किसी भी स्थिति में डरे नहीं। इसकी शिकायत आप महिला आयोग के व्हाट्सएप काॅल नंबर 90983-82225 के माध्यम से या लिखित में आवेदन दे सकती है या 112 में काॅल कर सकते है।लोकेशन ट्रैक कर पुलिस के माध्यम से उसे पकड़ा जा सकता है। ये वेबिनार आपको इस तरह की बाते सिखाने के लिये है,ताकि आप सावधानी बरतें। इन सब जानकारी को आप अपने परिवार आस-पास के लोगों को अवश्य दें।
इसी तरह निरूपमा वाजपेयी -ने कहा कि सोशल मीडिया को खोलते ही फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आता है। इसका उपयोग महिलाएं अधिकतर कर रही है। भारत में इसका उपयोग मित्र बनाने के लिए किया जाता है। अक्सर देखने में आता है कि महिलाओं का फ्रैंड रिक्वेस्ट जल्दी एक्सेप्ट कर लिया जाता है। महिलाओं का दिल जीतकर ऐसी बातें करने लग जाते है जो उनकी निजी जिंदगी से संबंधित हो, नंबर मांग लेना, मिलने के लिए कहीं बुलाना। अपराध होना होता है तो कई बार इसके जिम्मेदार हम खुद होते हैं जो उनकी बातों में आ जाते है। सोशल मिडिया में ट्रोल करना, कमेंट करना, इससे हमारी कार्यक्षमता पर ठेस पहुंचने लगती है। पुरूषों द्वारा हमसे बातकर इमोशनल ब्लैकमेल किया जाना, मिलने को बुलाकर बलात्कार, संबंध बनाना साइबर क्राइम और अपराध की श्रेणी में आते है। हिंसा किसी वर्चुअल प्लेटफार्म पर होती है तो वह असल जिंदगी से ज्यादा खतरनाक होती है। महिलाएं अपने सोशल मिडिया एकाउंट को प्राइवेट रखना, फोटो को, चैट को लाॅक रखना पसंद करती है ताकि उसे हैक कर उसका दुरूपयोग न किया जा सकें। अगर इस तरह का कोई अपराध होता है तो महिला आयोग के व्हाट्सएप नंबर या मेल के माध्यम से शिकायत कर सकती है। हेल्पलाइन नंबर का प्रयोग कर सकती है। इस तरह के साइबर क्राइम में 2015 में कानून मेें संशोधन किया गया है और आईपीसी में 509 धारा (ख) जोड़ा गया है जिसमें सजा का प्रावधान है। इससे महिलाओं को न्याय जरूर मिलता है।
डाॅ. सुनंदा ढेंगे ने कहा एप्लीकेशन, टिन्डर, ओमेगले प्लेटफाॅर्म में लाइव चैटिंग, विडियो काॅल भी किया जा सकता है।ये प्लेटफाॅर्म बहुत ही खतरनाक होते है इसमें आपके फेस का फोटो लेकर ब्लैकमेल या दुर्व्यवहार किया जा सकता है। अधिकतर इसका शिकार कम उम्र की बच्चियां होती है जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं होती है और वह मेम्बर बन जाती है। टिन्डर, हैपन, इंस्टाग्राम ये सारे एप फेसबुक से जुड़े होते है। फेसबुक में इमोशनल पोस्ट डालने से आपकी व्यक्तिगत जानकारी उनको मिल जाती है, फोटो को क्राॅप कर उसका दुरूपयोग किया जाता है। किसी अपराध से जुड़ा हुआ पोस्ट तुरंत अपलोड नहीं किया जाना चाहिये। यदि कोई आपसे अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है तो उसे ब्लाॅक कर देना चाहिये। अलग-अलग आईडी से कोई परेशान कर रहा है तो उसका स्क्रीनशाॅट लेकर आप शिकायत कर सकते है। किसी भी एडवरटायजमेंट के जरिये शाॅपिंग नहीं किया जाना चाहिये। फेसबुक में भी आॅनलाइन खरीदी मत कीजिये अपने आईडी को लाॅग आउट करके रखे। गलती से कोई चीज पोस्ट हो गई है तो उसे तुरंत डिलीट कीजिये। फेसबुक के माध्यम से आपकी सारी जानकारी देखा जा सकता है। अगर हम ऐसी कोई कमेंट पोस्ट करेंगे ही नहीं तो हमारे साथ दुर्व्यवहार होगा ही नहीं।