छत्तीसगढ़ रायपुर :-प्रश्नकाल के दौरान उस समय पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा जब विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री से पूछ लिया कि “गोबर बारिश के पहले बहा या बारिश के बाद ? दरअसल प्रश्नकाल के दौरान गोबर की चोरी होने और पानी में गोबर बह जाने का मामला उठा था।चर्चा के दौरान सरकार ने सदन में स्वीकार किया कि प्रदेश के चार ज़िलों में गोबर ख़रीदी केंद्रों से गोबर की चोरी होने और पानी में बह जाने की शिकायत मिली है।
सदन में यह प्रश्न नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने उठाया था। जिसका जवाब देने के लिए मंत्री रविंद्र चौबे खड़े हुए, उसी समय विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा ”मंत्री जी यह बताईए की यह जो गोबर बह गया यह बरसात के पानी के पहले बहा या बाद में” इस प्रश्न पर के बाद पूरा सदन हंसी-ठहाके गूंज गए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सवाल पूछा कि प्रदेश में कितनी राशि की गोबर खरीदी की गयी और कितनी राशि की बिक्री की गयी। जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 97 करोड़ रुपये के गोबर खरीदी गयी, जिसकी तुलना में कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट के बिक्रय के जरिये 54 करोड़ की राशि की आमदनी हुई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने अपना प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि प्रदेश में कितने गोठान स्वाबलंबी हो चुके हैं। जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि प्रदेश के 11 हजार ग्राम पंचायत में गोठान बन रहा है। इनमें से 5585 गोठान सीधे गोबर की खरीदी करते हैं और 1000 से ज्यादा गोठान आत्मनिर्भर हो चुके हैं। जिसके बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने सदन में यह बताया कि, एक हज़ार गौठान पूरी तरह तैयार है, इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा मुझे एक हज़ार गौठान की सुची दे दीजिएगा”।