असमाजिक तत्वों का बन रहा अड्डा दे सकते हैं बड़ी घटना को अंजाम
करतला :- सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन कोरबा चांपा रेल मार्ग पर स्थित एक मुख्य रेलवे स्टेशन है। जहां आसपास के गांव के सैकड़ों लोग रेल मार्ग से यात्रा करने आते हैं। रात होते ही स्टेशन के दोनो प्लेटफॉर्म में कोरबा की ओर अंतिम की तरफ अंधेरा ही अंधेरा देखने को मिलता है जिससे यात्रियों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है, अभी कुछ समय पूर्व ही यहां फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो की जनता के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है क्योंकि फुट ओवर ब्रिज कोरबा की ओर अंतिम पर बनाया गया है और वहां भी सूर्यास्त के बाद पूरा अंधेरा छा जाता है कहने को तो फुट ओवर ब्रिज बना है पर उसका उपयोग रात के अंधेरे में कुछ असामाजिक तत्व पीने तथा लड़कियों को छेड़ने के लिए करते हैं। इस फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के समय आस पास के ग्रामीणों द्वारा इसके स्थान को लेकर भारी विरोध किया गया था कि उचित स्थान में निर्माण नही होने से इसका उपयोग कम और दुरुपयोग ज्यादा होगा। ग्रामीणों की यह बात अब सच साबित होती दिख रही है लेकिन रेलवे ने जनहित की अनदेखी तथा अपनी मनमानी करते हुए फुट ओवर ब्रिज को प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर ही बनाया जिसके कारण आज यात्रियों को बहुत ही परेशानी हो रही है और लोग फुट ओवर ब्रिज होते हुए भी ट्रेन के नीचे से होकर जाने को मजबूर हैं। सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर से शाम के समय पसरे अंधेरे को लेकर चर्चा की गई तब स्टेशन मास्टर ने बताया कि इस कार्य के लिए विभाग को सूचित किया गया है और जल्दी ही प्लेटफॉर्म में एवं फुट ओवर ब्रिज में लाइट की व्यवस्था कर दी जाएगी किन्तु यात्रियों का कहना है कि फुट ओवर ब्रिज को बने महीनों हो चुका है पर आज भी लाइट की व्यवस्था नहीं किया गया है और अंधेरा होने के कारण यात्री फुट ओवर ब्रिज का उपयोग नहीं करते । स्टेशन के दूसरे प्लेटफार्म का हाल भी वैसा ही कुछ देखने को मिलता है,जहाँ अंधेरा पसरा रहता है जिससे महिला यात्री और परिवार सहित यात्रा करने वाले लोगों में भय का माहौल होता है कि कहीं कोई घटना दुर्घटना ना हो जाए और साथ ही आपको बताते चलें की फुट ओवर ब्रिज के ठीक बगल में दिव्यांगों के लिए शौचालय बना हुआ है जिस पर हमेशा ताला लटका रहता है एवं दिव्यांगों के लिए बने शौचालय में भी लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। रेलवे शायद अपनी कुंभकर्णीय निद्रा से जागने के लिए किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है और अगर समय पर रेलवे की आंख नहीं खुली तो निश्चित ही कोई ना कोई बड़ी घटना घट ही जाएगी तथा यह स्टेशन अपराधियों का अड्डा बन जायेगा । क्योंकि पूर्व में भी सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में देर रात यात्रा से लौटने वाले मुसाफिर लूटपाट तथा छेड़खानी जैसी दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। लगता है रेलवे को सिर्फ अपनी जेब भरने से मतलब है यात्रियों के जान माल की कोई परवाह नहीं वैसे भी सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में यात्रियों को सुविधा के नाम पर तो पानी भी उपलब्ध नहीं होता क्योंकि जो हैंडपंप लगे हैं उनमें से पानी आता ही नहीं और जो ट्यूबवेल है वह स्टेशन मास्टर के इशारों पर चलता है। सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को लाइट , पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी भटकते हुए देखा जा सकता है l इसके अलावा रेलवे द्वारा यात्रियों को और ज्यादा परेशान करने के लिए तथा कोयले की डस्ट खाने के लिए सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन पर कोयला साइडिंग का कार्य भी शुरू कर दिया गया है,जिससे पूरे क्षेत्र में कोयले की डस्ट से प्रदूषण फैल रहा है। जिसकी शिकायत महामंत्री अनुसूचित जनजाति मोर्चा भाजपा कोरबा अजय कंवर द्वारा जिला कलेक्टर कोरबा को किया गया हैं उक्त शिकायत की प्रतिलिपियां मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन और सहायक रेलवे प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे कोरबा को भी दिया गया हैं । अब ना जाने कब सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन के हालात सुधरेंगे तथा यात्रियों को मूलभूत सुविधा मिल पायेगी।