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19 हजार की पगार में डेढ़ करोड़ के प्रॉपर्टी कैसे बनाएं EOW ने पूछा क्लर्क से ,निगम के लेखा विभाग के क्लर्क पर EOW की कार्यवाही आय से 200% अधिक मिली संपत्ति

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मध्य प्रदेश इंदौर 29 अक्टूबर 2021 इंदौर नगर निगम के भ्रष्ट क्लर्क मामले में नया खुलासा हुआ है EOW के अफसर यहां पहुंचे। एक के बाद प्रॉपर्टी सामने आने पर टीम के अधिकारियों ने पूछा कि 19 हजार रुपए की तनख्वाह में डेढ़ करोड़ की संपत्ति कैसे बनाएं हमें भी बताएं जिस पर क्लर्क ने बताया कि सब कुछ लोन पर लिया है। इस पर अफसरों ने पूछ लिया कि 19 हजार की पगार में डेढ़ करोड़ की प्रॉपर्टी की किस्तें कैसे भरते हो। इस पर वह बगलें झांकने लगा। यही नहीं, बेटी को भी पढ़ाई के लिए विदेश भेजने की तैयारी में था।

निगम में लेखा विभाग के क्लर्क राजकुमार सालवी के अंबिकापुरी स्थित घर पर EOW की टीम ने छापा मारा था। जांच के दौरान घर के अलावा प्लॉट, मकान, दो फ्लैट और एक 4 पहिया वाहन व 3 दो पहिया वाहनों का खुलासा हुआ था। इसके बाद सालवी ने बचने के लिए कह दिया कि सब कुछ बैंक से लोन लेकर खरीदा है। अफसरों ने भी पूछ लिया कि डेढ़ करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी की किस्तें कहां से भरते हो, तो सालवी बगलें झांकने लगा। फिलहाल उसके 3 खातों की जानकारी मिली है। सालवी का अधिकतर रुपए में जीजा, साला और पत्नी साझेदार हैं।

अफसरों ने राजकुमार के साले राजेश, जीजा और पत्नी किरण के परिवार के खाते और संपत्तियों की जानकारी भी निकालना शुरू की है।

अब तक 3 खातों की जानकारी

अभी तक सालवी के तीन बैंक खातों की जानकारी निकाली गई है। इनमें एक में जीरो बैलेंस था, दूसरा लोन खाता था, जिसमें 10 लाख का लोन लिया हुआ है। तीसरे अकाउंट में करीब 5 हजार रुपए निकले। अभी EOW ने पत्र लिखकर बैकों से जानकारी मांगी है। टीम सालवी के अन्य खातों के बारे में भी पता लगा रही है।

बेटी की बड़े काॅलेज में पढ़ाई, विदेश जाने की तैयारी

जांच में सामने आया कि राजकुमार की बेटी नेहा शहर के बड़े काॅलेज में पढ़ती है। यहां की सालाना फीस ही लाखों रुपए में है। वह विदेश जाने की तैयारी भी कर रही थी। बीजेपी से जुड़े होने के बाद कांग्रेस नेता से भी राजकुमार की नजदीकियां थीं। उक्त नेता शहर में दो बार पार्षद भी रह चुका है।

साले के नाम से बसें

राजकुमार के पास दो बसें भी हैं, जिसे वह गंगवाल बस स्टैंड से संचालित करता था। इन बसों की देखरेख उसका साला राजेश करता है। बस स्टैंड पर पहले काम करने वाले नितिन के साथ दोस्ती में इनका संचालन शुरू किया था। राजकुमार की कॉल डिटेल में जनकार्य और यातायात में काम करने वाले ठेकेदारों के सबसे ज्यादा नंबर मिले है। इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

केस दर्ज करने वाले थे, रेड पड़ गई

राजकुमार सालवी के खिलाफ 6 माह से शिकायतें की जा रही थीं। उसे पता था कि किसी भी दिन बड़ी गाज गिर सकती है। इसके लिए उसने संपत्ति का सेटलमेंट करना शुरू कर दिया था। EOW ने कई जानकारी निकाली थीं, जो भोपाल मुख्यालय तक पहुंची। उसकी संपत्ति 200 % से अधिक थी। अफसरों ने इसके बजाय छापा मारने की बात पर अनुमति मांगी। इसे हरी झंडी मिल गई।

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