छत्तीसगढ़/कोरबा :- थाना पाली क्षेत्र की घटना दो दिन पूर्व खेल रही मासूम को साथ ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास में असफल रिश्तेदार ने अपनी पहचान छिपाने गला दबाकर मार डाला। उसने यह नहीं सोचा कि जो पाप किया है उसकी सजा मिलेगी ही और कानून के हाथों से बच नहीं सकता। संवेदनशील इस मामले में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में टीम ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ग्रामवासियों की सतत मदद के सहारे आखिरकार आरोपी को धर दबोचा। टीम को पुलिस अधीक्षक ने 5 हजार रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की है
पाली थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदपानी निवासी ग्रामीण परदेशी धनुहार पिता राम धनुहार की साढ़े 3 वर्षीय पुत्री 22 अक्टूबर को शाम करीब 4-5 बजे अपनी बहनों और बच्चों के साथ घर के पास खेल रही थी। इस बीच वहां परदेशी का रिश्तेदार अर्जुन धनुहार पहुंचा और बच्चों को पैसे देकर दुकान से चिप्स लाने के लिए भेज दिया। इसके बाद मासूम को अपने साथ लेकर चला गया। कुछ देर बाद बड़ी बहन घर पहुंची तब छोटी बहन के बारे में परिजनों ने पूछा। उसने रिश्तेदार अर्जुन चाचा के साथ छोटी बहन को जाना बताया। इसके तुरंत बाद मासूम और अर्जुन की तलाश ग्रामीणों के साथ शुरू की लेकिन दोनों नहीं मिले। दूसरे दिन 23 अक्टूबर को गांव के निकट चैतराम के खंडहरनुमा मकान से मासूम की लाश बरामद हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करना पाया गया। साथ ही मासूम के साथ गलत काम करने का प्रयास किया गया किंतु सफल नहीं हुआ। आरोपी अर्जुन ने बच्ची को जीवित छोड़ देने से पहचान उजागर हो जाने के कारण उसका गला दबाकर हत्या कर दिया और भाग निकला। पुलिस की 4 अलग-अलग टीम पतासाजी के लिए गठित की गई। इस बीच सूचना मिली कि अर्जुन अपने गृहग्राम कन्ड्रा थाना बलौदा जांजगीर में छिपा हुआ है। 26 अक्टूबर को पुलिस की टीम गांव पहुंची और ग्रामीण वेशभूषा धारण कर तालाब में नृत्य कर्म का अभिनय करते हुए संदेही का इंतजार किया जिसके आने पर दबोच लिया गया। आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया जिसे गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया गया। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम छिंदपानी के लोगों का शुरू से ही सहयोग पुलिस को मिलता रहा जो जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सामुदायिक पुलिसिंग अभियान के प्रयास की सफलता है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद अन्य धाराएं भी आरोपी के विरुद्ध लगाई जा सकती है आरोपी की गिरफ्तारी में पाली टीआई पौरूष पुर्रे, एसआई इंद्रनाथ नायक, प्रधान आरक्षक हिरावन सिंह सरूते, आरक्षक चंद्रशेखर विंध्यराज, राजेश राठौर, संजय साहू, संजय सिंह, रामकुमार पाटले, नरेश यादव का सहयोग रहा।