डीटीओ कोरबा सहित अन्य के खिलाफ कमिश्नर से हुई शिकायत, करोड़ो के यूरेनियम स्कैंडल मामले में जप्त की गई थी लग्जरी गाड़ियां…… मामला से पुलिस भी हैरान
Netagiri.in—-कोरबा – जिले में फर्जी PUC सर्टिफिकेट बनाने का मामला अब और भी गरमाता जा रहा है। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद कार्यवाई नहीं करने और दोषियों को बचाने के मामले में शिकायतकर्ता ने जिला परिवहन अधिकारी कोरबा विवेक सिन्हा सहित अन्य के खिलाफ कमिश्नर से लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
कोरबा जिले में फर्जी PUC सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आया है। PUC संचालक यूरेनियम के नाम पर लोगों से करोड़ो की ठगी करने के मामले में जप्त थाने में खड़ी वाहन का फर्जी प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। उक्त पीयूसी सर्टिफिकेट में भगवती प्रदूषण जांच केंद्र PUC कोड CG0100028 दर्ज है जिसका संचालक संजय अग्रवाल है।
सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि थाने में जप्त जिस वाहन का PUC सर्टिफिकेट बनाया गया है उसकी जानकारी संबंधित थानेदार को भी नही है जिसके चलते पुलिस भी हैरान है जिसकी शिकायत भी हुई है।इसके अलावा उक्त वाहन अपराध क्रमांक 138/2023 आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 120 (बी), 34 भा.द.वि. के तहत पिछले एक साल से थाने में खड़ी है। ऐसे में उक्त वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करना कई सारे सवालों को जन्म देने लगा है।
जब इस मामले की लिखित शिकायत 06/05/2024 को कोरबा डीटीओ विवेक सिन्हा से की गई तो उन्होंने मामले की जांच करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही गुमराह कर दिया और पीयूसी सेंटर के संचालन को लेकर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, बिलासपुर से अनुज्ञापत्र जारी होने का हवाला देते हुए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय बिलासपुर के समक्ष आवेदन करने लेख किया है।
शिकायतकर्ता ने अब इस मामले की लिखित शिकायत परिवहन आयुक्त से की है जिसमें उल्लेख करते हुए लिखा है कि भगवती प्रदूषण जांच केंद्र जिसका PUC कोड CG0100028 है को श्री संजय अग्रवाल निवासी मेन रोड दर्री, कोरबा को डीजल गाड़ियों के प्रदूषण हेतु प्रदान किया गया है, जिसका संचालन क्षेत्र कोरबा जिला के लिए है। ऐसे में उक्त मामले की जांच ना कर शिकायतकर्ता को ही गुमराह कर दिया गया और दोषियों को बचाने का भी प्रयास किया गया है। जिला परिवहन अधिकारी की इस कार्यशैली से उनके कार्य के प्रति प्राप्त जवाबदारी तथा शासन द्वारा प्रदत्त अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग किया जाना प्रतीत हो रहा है।
जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार भ्रष्टाचार्यों के खिलाफ शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने एवं प्रदेश में सुशासन व्यवस्था बनाए रखने सभी जिले में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है उस पर भी पलीता लगाने का कार्य जिला परिवहन अधिकारी द्वारा किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने परिवहन आयुक्त से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एक विशेष टीम गठित कर जांच करवाते हुए दोषी पाए जाने पर सभी दोषियों के खिलाफ कानूनी / दंडात्मक कार्रवाई की जावे।
अब देखना होगा कि इस मामले में परिवहन आयुक्त दोषियों पर कब और किस तरह की कार्रवाई करती है।