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कोरबाछत्तीसगढ़प्रशासनिकराजनीतिरायपुर

जनपद सीईओ कोरबा और बाबू की भूमिका संदिग्ध अभिरक्षा में रखे अहम दस्तावेज हुए गायब… आखिर क्या है CEO के पत्र क्र.561 का रहस्य! लदेर बाबू की भूमिका चर्चा में, इधर 3 और मामले उजागर….. दस्तावेज गायक जिम्मेदार कौन क्या होगी कार्यवाही,????

कोरबा जनपद से हुई शिक्षाकर्मी भर्ती में गड़बड़ी का मुख्य सूत्रधार कौन…? चयन समिति कब आएगी लपेटे में…?  दस्तावेज गायब होने के मामलों में क्या तह तक जाएगा प्रशासन…?

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  • Netagiri.in—कोरबा। कोरबा जिले में जनपदों के माध्यम से की गई शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती में हुई गड़बड़ियां जनपद से लेकर शिक्षा विभाग के गलियारे तक सुर्खियां बनी हुई हैं। मामला तब और रहस्यमय हो गया है जब इन दो विभागों के बीच हुए पत्र क्रमांक 561, दिनांक 22/05/2024 के व्यवहार के आधार पर कार्यवाही में मात्र 4 लोगों को ही लपेटा गया और शेष 6 को बख्शा गया है, जिनमे से एक महिला प्रधानपठिका सहित 2 लोगों के रिकॉर्ड जनपद में अनुपलब्ध हैं। यहां तक कि चयन समिति में जो लोग शामिल थे,उनके द्वारा की गई लापरवाही और गड़बड़ी को भी नजर अंदाज कर दिया जा रहा है जबकि इस तरह से भर्ती में फर्जीवाड़ा के मामले में उनकी भी भूमिका तय होनी चाहिए, पुलिस में एफआईआर भी कराना चाहिए। जो स्वयं फर्जी आधार पर नौकरी में लगे हैं वह बच्चों का भविष्य किस तरह से संवार रहे होंगे, यह भी विचारणीय है और जिम्मेदार अधिकारी इनको संरक्षण देने का काम कर रहे हैं व निलंबन में पूरा-पूरा भेदभाव किया गया है। चर्चा तो दोनों महकमे में लेन-देन को लेकर भी काफी गर्म है। कोरबा जनपद की वर्तमान सीईओ द्वारा जारी किया गया पत्र क्रमांक 561 कार्रवाई के मामले में रहस्यमय बना हुआ है तो वहीं तीन और नए प्रकरण सामने आ गए हैं जिनके रिकॉर्ड भी गायब मिले हैं।

नए प्रकरणों पर एक नजर


वित्तीय वर्ष 2007 में भर्ती हुए शिक्षाकर्मी वर्ग -3 में कु. रमला कंवर पिता शंकर सिंह कंवर की चयनित सूची 2007 की कंडिका सरल क्रमांक 09 के खंड 16 में अंतरजिला या उच्च स्तर की खेल प्रतिस्पर्धा के लिए 4.5 अंक के आधार पर कला संकाय में नियुक्ति हुई हैं। वर्तमान में इनके दस्तावेज सेवा पुस्तिका से गायब हैं।इसी तरह शिक्षाकर्मी वर्ग -3 रामकुमारी साहू / तिहारूराम साहू की पिछड़ा वर्ग महिला कला, सरल क्रमांक 02 के खंड 13 में अनुभव 01 वर्ष, 02 वर्ष, 03 वर्ष, में 12 अंक के आधार पर विज्ञान संकाय में नियुक्ति हुई है। वर्तमान में दस्तावेज सेवा पुस्तिका से गायब हैं और अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी है। इसी कड़ी में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 मेषराम पटेल / पुनाराम पटेल की नियुक्ति पर सवाल है और दस्तावेज गायब हैं।

लदेर बाबू की अभिरक्षा में सारे दस्तावेज

चूंकि शिक्षक नियुक्ति जनपद पंचायत से हुई है। जनपद कोरबा के सहायक ग्रेड 2 अमृत लदेर की अभिरक्षा में शिक्षा कर्मियों की जानकारियां रखी गई थी। वर्तमान में इंदिरा भगत, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कोरबा में पदस्थ हैं और संजय अग्रवाल विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा में पदस्थ हैं। अभ्यार्थी के नियुक्ति के संबंध में रिकॉर्ड में अभ्यर्थी की नियुक्ति से सम्मिलित अंतिम दस्तावेजों को नस्तीबद्ध कर विभाग में सुरक्षित रखा जाना होता है। मामले में घोर अनियमितता का अंदेशा है। विभाग के द्वारा यदि इस विषय को गंभीरता से लिया जाता है। तो कु.रमला कंवर, रामकुमारी साहू, मेषराम पटेल की नियुक्ति पूरी तरह से फर्जी साबित होगी एवं इस नियुक्ति में कई अधिकारियों के हाथ भी फंसे हुए मिलेंगे। लदेर हालांकि रिटायर हो गए हैं।
0 अवसर से चूकना पड़ता है पात्र लोगों को
चयन सूची में कई अभ्यर्थियों का नाम है। व कई अभ्यर्थी का नाम प्रतीक्षा सूची में दर्ज रहता है जिनको इस कारण से अवसर नहीं मिलता है क्योंकि कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एवं भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से आपात्र हो कर भी पात्र हो जाते हैं। जो सही मायने में पात्र होते हैं, उन्हें प्रतीक्षा सूची में रहकर बेरोजगारी की मार सहनी पड़ती है। मामलों की जांच निष्पक्ष रूप से योग्य प्राधिकृत अधिकारियों के माध्यम से कराया जाना अति आवश्यक है।

शासन से की गई है तीनों की शिकायत : जितेन्द्र साहू


इस पूरे मामले में आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को अलग-अलग पत्र लिखकर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। अवगत कराया गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (3) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के भर्ती के संबंध मेंजन सूचना अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा (छ.ग.) से इन तीनों की जानकारी मांगी गई थी। खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षकों से संबंधित जानकारी दी गई। किंतु जन सूचना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कोरबा से वर्ष 2007 में भर्ती हुए शिक्षा कर्मियों की मेरिट सूची, चयन सूची, प्रतीक्षा सूची, व गठित चयन समिति सूची की प्रतिलिपि की मांग एक माह बीत जाने के बाद भी नहीं दी गई। प्रथम अपील की सुनवाई में निर्देश उपरान्त 13 पृष्ठ की जानकारी दी गई। जिसमें केवल शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की चयन सूची व प्रतीक्षा सूची ही दी गई। गठित चयन समिति की सूची प्रदान नहीं की गई।

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