बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच भारत में ‘बॉयकॉट बांग्लादेश मूवमेंट’ शुरू
बांग्लादेश ,में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। घटना के पांच महीने बाद भी हिंदू मंदिरों और हिंदुओं के घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच भारत में ‘बॉयकॉट बांग्लादेश मूवमेंट’ शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से हुई है। त्रिपुरा में अस्पताल, होटल-रेस्तरां में बांग्लादेशियों की नो एंट्री लगा दी गई है।
Tripura में बॉयकॉट बांग्लादेशी मूवमेंट बढ़ता नजर आ रहा है। राज्य में अस्पताल के बाद अब होटल एंड रेस्तरां ऑनर्स एसोसिएशन ने भी बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वे Bangladesh से आए मेहमानों को होटल में कमरे या भोजन नहीं देंगे। राज्य का होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन भी जुड़ गया है और बांग्लादेशी मेहमानों को कमरे न देने और भोजन नहीं परोसने का ऐलान किया है।
ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने कहा कि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज के अपमान के मद्देनजर बांग्लादेशी मेहमानों को यहां के रेस्तरां में भोजन सर्व नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन के महासचिव सैकत बंद्योपाध्याय का कहना है कि यह फैसला सोमवार को हुई एक इमरजेंसी मीटिंग में लिया गया है। बंद्योपाध्याय ने आगे कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ है और अल्पसंख्यकों का बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के एक वर्ग द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब इनकी लिमिट पार हो गई है।
होटल और रेस्तरां में बांग्लादेशी नागरिकों को कमरे न देने और भोजन न परोसने के फैसले से पहले राज्य के मल्टी-स्पेशलिटी प्राइवेट अस्पताल आईएलएस हॉस्पिटल ने भी पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कड़ा कदम उठाया था। इसके तहत अस्पताल ने बांग्लादेश के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करने की घोषणा की थी। सिर्फ त्रिपुरा ही नहीं बीते दिनों कोलकाता के उत्तरी हिस्से माणिकतला स्थित जेएन रे अस्पताल ने भी बांग्लादेशी मरीजों को इलाज देने से इंकार कर दिया था।