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छत्तीसगढ़व्यापार

उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा पक्का बिल व्यापारियों द्वारा टैक्स चोरी कर करोड़ों का कर रहे राजस्व का नुकसान जीएसटी के नियमों का नहीं हो रहा पालन जिले के संबंधित अधिकारी क्यों खामोश

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छत्तीसगढ़ कोरबा 2 नवंबर 2021 कोरबा जिले के शहर नगरीय निकायों कस्बों और बाजारों में तमाम दुकानदार खुलेआम टैक्स की चोरी कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के कारण सरकार को बड़े राजस्व की हानि हो रही है।बताया जाता है कि किसी भी वस्तु की खरीद-फरोख्त पर ग्राहक को पक्की रसीद दिया जाना अनिवार्य है। स्थिति यह है बर्तन की दुकान, किराना दुकान, ट्रेडर्स, हार्डवेयर, जनरल स्टेशन, सराफा, लोहा, सीमेंट, कपड़ा, केमिस्ट तक ग्राहकों को पक्का बिल नहीं दे रहे हैं। कई बड़ी दुकानें ऐसी हैं, जिन पर रोजाना 50 हजार से पांच लाख रुपए तक का व्यापार होता है, लेकिन पक्का बिल कहीं नहीं दिया जाता है। शहर के दुकानदार कागज की सफेद पर्ची और दुकान के नाम पर स्टीमेट पर हिसाब लगाकर राशि वसूल की जाती है। या फिर दुकान की बिल बुक छपवाकर बिना टिन नंबर के बिल थमा दिए जाते हैं। दुकानदार ग्राहकों को बिल न देकर टैक्स की राशि हड़पकर आयकर विभाग को लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं। टैक्स विभाग का कहना है कि ग्राहकों को खरीदारी हमेशा पक्का बिल लेकर ही करनी चाहिए। पक्का रसीद ही उनके टैक्स को साबित करता है। टैक्स के अलावा पक्का बिल वारंटी एवं कोई वस्तु खरीद होती है तो उसके वापस करने या उसका जुर्माना वसूलने के समय काम आता है

उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा बिल, टैक्स चोरी कर रहे व्यापारी

जीएसटी लागू होने के दो साल बाद भी नियमों का नहीं हो रहा पालन

सरकार द्वारा 3 वर्ष पहले देश में समान टेक्स लागू करने के लिए जीएसटी लागू किया गया, लेकिन अधिकांश व्यापारियों द्वारा जीएसटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। व्यापारी ग्राहकों द्वारा बिल नहीं मांगे जाने का बहाना बनाकर सामानों का बिल नहीं देते हैं तो वहीं ग्राहकों का मानना है कि यदि हम बिल नहीं लेंगे तो सामान सस्ता मिलेगा।

जीएसटी बिल लागू करते समय बड़े बदलाव की बातें कही जा रही थी, लेकिन नगर सहित आसपास के कारोबारियों के पुराने ढर्रे पर ही सामान की बिक्री जा रही है। ग्राहक चाहें जितने की खरीददारी कर लें उसे पक्का बिल नहीं दिया जाता।

हद तो तब हो जाती है कि ज्यादा चतुर व्यापारी पक्के बिल के नाम पर सामग्री के दाम कुछ और बढ़ जाने की बात कहते हैं जिससे ग्राहक बिना बिल के संतुष्ट हो जाता है। कम पढ़े लिखे लोगों को बचत के नाम पर पक्का बिल देने की बजाये सादे कागज पर लिखकर दे दिया जाता हैं।दरअसल, बिलिंग के आधार पर ही सरकारी खजाने में टैक्स जमा होता है लेकिन व्यापारियों द्वारा टैक्स चोरी करने के लिए बिल नहीं काटे जा रहे हैं। आयकर और वाणिज्य कर विभाग के द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई की जाए लेकिन शहर में जीएसटी लागू होने के बाद से आज तक किसी भी कारोबारी के यहां विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही किसी तरह का समाचार मीडिया को दिया गया जबकि शहर में प्रतिदिन करोड़ों रुपए का व्यापार किया जा रहा है।

हर व्यापार में टैक्स चोरी: शहर के किराना, कपड़ा, वर्तन, हार्डवेयर,खाद बीज, आभूषणों, दवाई, इलेक्ट्रॉनिक, आदि की दुकानों पर ग्राहक बिल मांगे या ना मांगे पर दुकानदार को बिल दिया जाना चाहिए। लेकिन नगर में ऐसे हालात हैं पक्का बिल मांगे जाने पर नित नए बहाने के साथ कच्चा बिल थमाकर खिसका दिया जाता है। अभी त्योहारी सीजन में लगभग दो करोड़ से अधिक कारोबार की उम्मीद है जिसमें आभूषण बर्तन कपड़े इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं जैसे बहु कीमती आदि खरीदी पर या तो मौखिक हिसाब बनाकर पैसा ले लिया जाता है या फिर साधारण फिर बंदी पर बिल बनाकर दे दिया जाता है जिससे शासन के साथ लाखों रुपए की कर चोरी की जा रही है।

पक्का बिल नहीं दिया जाता : इसी तरह आभूषणों, इलेक्ट्रॉनिक, खाद-बीज, दवाईयां आदि की दुकानों पर ग्राहक को अधिकांश जगह पर कच्चा बिल ही मिलता है लेकिन दुकानदार द्वारा अपने रिकॉर्ड पर पक्के बिल ही काटता है। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक दुकानदारों द्वारा पक्का बिल इसलिए नहीं दिया जाता हैं कि सामान में गुणवत्ता संबंधित कोई समस्या हो तो बिल के आभाव में कहीं शिकायत का दावा भी नहीं किया जा सकता।

200 से अधिक का सामान खरीदने पर बिल देना अनिवार्य

दो सौ से से ज्यादा सामान बेचने पर व्यापारी को बिल अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। बिल नहीं देने वाले व्यापारियों की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। यदि उपभोक्ता को किसी दुकानदार या व्यापारी सही बिल जारी नहीं करता है तो ग्राहक शिकायत कर सकते हैं। इस संबंध में वाणिज्यकर अधिकारी का कहना है कि मामले में शिकायत आने पर कार्यवाही करते हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि जिले में करोड़ों का राजस्व चोरी होने में अधिकारियों की मिलीभगत है या अनदेखी सब कुछ सामने होते हुए भी विभाग द्वारा कभी बाजारों में जायजा नहीं लिया जाता है बल्कि शिकायत का इंतजार किया जाता है

रिपोर्ट- रेणु जायसवाल कोरबा(9827799070)

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