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कोरबाछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का पहला मामला जब फर्जीवाड़े में जनप्रतिनिधि को जाना पड़ा जेल कागजों में नाली बनाकर डकार गया था जनता का पैसा नगर पालिका अध्यक्ष ने कोर्ट में किया सरेंडर

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छत्तीसगढ़ मुंगेली 11 नवंबर 2021 छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में कागजों में नाली निर्माण मामले में आरोपी नगर पालिका अध्यक्ष ने आखिरकार कोर्ट के समझ सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है। नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर पर 13 लाख रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप है। इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर अध्यक्ष समेत कुल 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद से ही संतूलाल फरार चला रहा था। वहीं अन्य 5 आरोपी अब भी फरार हैं।

संतूलाल सोनकर ने मामला दर्ज होने के बाद सबसे पहले जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जो कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने हाईकोर्ट औऱ सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने सोनकर को सरेंडर कर जिला न्यायाल में ही जमानत अर्जी लगाने निर्देश दिए थे। इसके अलावा 02 हफ्ते की राहत भी उसे दी गई थी। जो राहत 11 नवंबर को समाप्त हो रही है। इसके पहले ही उसने 09 नवंबर को जिला कोर्ट के सामने सरेंडर किया है। सरेंडर करने के बाद उसे देवरी स्थित जेल भेज दिया गया है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र के परमहंस वार्ड में नाली निर्माण किया जाना था। इसके लिए सोफिया कंस्ट्रक्शन को काम दिया गया था। बाद में इस मामले में यह बात सामने निकलकर आई कि ठेकेदार ने तो सिर्फ कागजों में ही नाली निर्माण किया गया। इतना ही नहीं यह भी पता चला कि नाली निर्माण में नगर पालिका से 13 लाख रुपए भी ले लिए गए। इसमें जो चौंकाने वाली बात सामने आई कि ठेकेदार को नगर पालिका कार्यालय से जो चेक जारी किया गया था, उसमें तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले और नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के हस्ताक्षर थे। इसके बाद इस मामले में इनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे थे।

कांग्रेस नेताओं ने की थी शिकायत

मामले में इन सभी पर कार्रवाई की आंच तब पहुंची, जब इस भ्रष्टाचार की शिकायत कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर अजीत वसन्त से कर दी। जिस पर कलेक्टर ने मुंगेली SDM के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर इस मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।

4 महीने पहले दर्ज हुआ था केस

जुलाई में एसडीएम ने मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी थी। फिर कलेक्टर ने नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, तत्कालीन CMO विकास पाटले, तत्कालीन सब इंजीनियर जोएस तिग्गा, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू, लेखपाल आनंद निषाद और सोफिया कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार वसीम खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन सभी 6 लोग इस मामले में उचित जवाब नहीं दे सके हैं। जिसके चलते इनके खिलाफ मामला दर्ज करने निर्देश दिए गए। केस दर्ज होने के बाद से सभी फरार हो गए थे। अब मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष ने सरेंडर कर दिया है।

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