प्रधानमंत्री के काफिले में क्यों शामिल की गई र्मिसडीज मेबैक? सामने आई ये जानकारी..
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सुरक्षा में जोड़ी गई र्मिसडीज मेबैक की कीमत और अन्य विवरणों पर अटकलों के बीच, सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि नई कारें किसी तरह का ‘अपग्रेड’ नहीं हैं, बल्कि नियमित बदलाव हैं क्योंकि बीएमडब्ल्यू ने पहले उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए मॉडल को बनाना बंद कर दिया है।
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘कार की कीमतें मीडिया में लगाई जा रहीं अटकलों से काफी काम हैं, असल में तो यह मीडिया में बताई जा रहीं कीमतों से एक तिहाई कम है।’’ मीडिया के एक तबके में मेबैक कार की कीमत 12 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा में, सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों को बदलने के लिए छह साल का मानदंड है और प्रधानमंत्री से संबंधित पिछली कारों का इस्तेमाल आठ साल तक किया गया, जिस पर आॅडिट में आपत्ति जताई गई और टिप्पणी की गई कि यह सुरक्षा प्राप्त करने वाले के जीवन से समझौता करने जैसा है।
सूत्र ने कहा, ‘‘सुरक्षा वाहन की खरीद से संबंधित निर्णय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के लिए खतरे की धारणा पर आधारित होते हैं। ये निर्णय एसपीजी द्वारा सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की राय लिए बिना स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की कार की सुरक्षा विशेषताओं पर व्यापक चर्चा राष्ट्रीय हित में नहीं है क्योंकि इससे सार्वजनिक पटल पर बहुत सारे अनावश्यक विवरण आते हैं। यह महज सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के जीवन के लिए खतरा पैदा करता है।’’
अधिकारियों ने कहा कि मोदी ने ऐसी कोई वरीयता नहीं दी है कि किन कारों का उपयोग किया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में उल्लेख किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अतीत में रेंज रोवर्स का इस्तेमाल किया था जो वास्तव में तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए खरीदी गई थीं। बीते कुछ वर्षों में बीएमडब्ल्यू द्वारा निर्मित कारें उन कारों में शुमार रही हैं जिनका उपयोग प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है।