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देशराजनीति

पहली बार देश में आदिवासी नेतृत्व के लिए चुना गया उम्मीदवार
आदिवासी महिला बनीं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, BJP की सियासी दांव में विपक्ष धराशायी, जाने कौन है आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू

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Delhi राष्ट्रपति (President) के लिए भाजपा वाले एनडीए (NDA) घटक ने बड़ा दांव खेला है। यह दांव आदिवासी महिला पर है। जिससे विपक्षी दल चारो खाने चित्त हो गए हैं। भाजपा की संसदीय बोर्ड ने (BJP Parliamentary Board Meeting) मीटिंग में लगभग 20 नामों पर चर्चा की गई, लेकिन जो चेहरा सबके सामने आया उसने सभी को चौंका दिया।

भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) एक ऐसा नाम जो किसी ने सोचा भी नहीं था, एक आदिवासी (Tribal) चेहरा जो पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए रेस में है, अगर द्रौपदी मुर्मू ये चुनाव जीत जाती हैं तो भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि कोई आदिवासी राष्ट्रपति बनेगा।

बीजेपी में कई एक्सपेरिमेंट हुए

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बीजेपी में कई एक्सपेरिमेंट हुए हैं, पार्टी की तरफ से लिए गए फैसलों ने कई बार चौंकाया है। इस बार भी द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने फिर एक बार चौंका दिया।

द्रौपदी मुर्मू भारतीय राजनीतिज्ञ और १८ मई २०१५ से झारखण्ड की राज्यपाल हैं। वो झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं। वो वर्ष २००० से २००४ तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं। वो पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है। आदिवासी महिला को उम्मीदवार बनाकर एनडीए ने आदिवासियों को साधने का काम तो किया ही साथ ही महिलाओं का भी ध्यान रखा।

देश की आम जनता से आदिवासी जनता हमेशा से ही अलग रही है। आदिवासी समाज हाशिए पर खिसकने कारण भी हैं जिनको लेकर वो लड़ते भी हैं। देश में उद्योग खनन के लिए जमीन की जरूरत होती है तो ऐसे में आदिवासियों की जमीन को छीन लिया जाता है। आदिवासियों की जमीन लेकर उधोगपति अरबपति बन रहे हैं और आदिवासी अपने विकास के लिए तरस रहे हैं इसके साथ ही आदिवासी लोग भौगौलिक दृष्टि से जंगल में निवास करते हैं और हमेशा से ही जमीन के लिए संघर्ष करते नजर आए हैं।फिर चाहे वह वन अधिकार पट्टा हो या फिर उनकी जमीनों के संरक्षण की बात हो

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