Netagiri.in—–जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज गुरूवार को जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी सँयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान की अध्यक्षता में विशेष सम्मिलन आहूत कर मतदान कराया जाएगा। तमाम आरोप प्रत्यारोपों के बीच जनपद अध्यक्ष वर्सेस जनपद उपाध्यक्ष के वर्चस्व का विषय बन चुके विशेष सम्मिलन से पहले दोनों पक्ष अपने अपने खेमे में जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे। जनपद पंचायत सीईओ के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कराए गए एफआईआर के बाद अब पूरी निगाहें जनपद उपाध्यक्ष के विरुद्ध लाए अविश्वास प्रस्ताव पर टिकी है।
यहां बताना होगा को जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव के विरुद्ध गम्भीर आरोपों के साथ 24 में से 23 जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाते हुए कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन सौंपा था।कलेक्टर संजीव झा ने जनपद पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या बाई वैष्णव के विरूद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के सम्मिलन की अध्यक्षता के लिए सँयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। तो वही उपाध्यक्ष खेमे से क्षेत्र क्रमांक 20 की जनपद मोनिका अरविंद भगत के द्वारा उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर किए गए हस्ताक्षर ओं को ही गलत बता दिया है और इसकी जांच हेतु शिकायत कलेक्टर कोरबा को एवं पुलिस को दी थी मोनिका अरविंद भगत का कहना है कि कौशल्या देवी के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर युक्त जो पेज है वह अध्यक्ष हरेश कवंर को हटाने के लिए पूर्व में किए गए अविश्वास प्रस्ताव की प्रति है जिसे कूट रचित ढंग से संलग्न किया गया है जिसकी जांच हेतु मांग की गई थी
वही कोरबा कलेक्टर संजीव झा द्वारा बिना देर किए राजनीति का अखाड़ा जन बन चुके जनपद कोरबा के विवाद को निपटाने हेतु अविस्वाश
प्रस्ताव के सम्मिलन की अध्यक्षता के लिए सँयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है।
अविश्वास प्रस्ताव का सम्मिलन 9 फरवरी को प्रातः 11 बजे कार्यालय जनपद पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में आहुत किया जाएगा। पीठासीन अधिकारी विधिवत् सम्पूर्ण कार्यवाही संपन्न करेंगे।इससे पूर्व जनपद उपाध्यक्ष के खेमे से जनपद सदस्य मोनिका अरविंद भगत ने अविश्वास प्रस्ताव पर किए गए हस्ताक्षर को कूटरचित बता सिविल लाइन रामपुर थाना में एफआईआर दर्ज करवाया था। जिसमें उन्होंने उनके हस्ताक्षर को जनपद अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर किया गया हस्ताक्षर बताया था। सम्मिलन के पूर्व दिवस तक दोनों खेमों में धड़कनें तेज हो गई है। अपने अपने पाले में सदस्यों को साधने की तमाम कोशिशें की जा रही है। पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए कुल वैद्य मतों में से दो तिहाई मत से अधिक आवश्यक है। सरल शब्दों में समझा जाए तो जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव को जनपद उपाध्यक्ष पद से पदच्यूत करने 24 वैद्य मतों में से 17 मतों की जरूरत होगी। वहीं जनपद उपाध्यक्ष को अपनी ताज बचाने सिर्फ 8 जनपद सदस्यों के साथ व मतों की आवश्यकता पड़ेगी। शाम तक जनपद पंचायत के इस राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का विषय बन चुके प्रकरण का नतीजा आम जनता के सामने आ जाएगा।
अविश्वास प्रस्ताव पर आयोजित होने वाले विशेष सम्मिलन से पूर्व बुधवार को कलेक्टोरेट में रामपुर विधायक श्री कंवर नजर आए पूछने पर उन्होंने बताया कि कौशल्या देवी जनपद उपाध्यक्ष कोरबा के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पूर्व में अध्यक्ष के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में किए गए साइन की प्रति को लगाया गया है जो पूर्णता गलत है और जांच का विषय है इसलिए कोरबा कलेक्टर संजीव झा से कलेक्टोरेट से जांच पूरी होने तक चुनाव प्रक्रिया रोकने हेतु बात करने कलेक्ट्रेट आए हुए हैं वापस जाते वक्त वे जनपद उपाध्यक्ष व उनके पुत्र को अपने वाहन में बिठा ले गए। अब इसके क्या मायने हैं इसका अंदाजा शुक्रवार को पता चल जाएगा।
वही जनपद अध्यक्ष हरेश कवंर के समर्थन में कांग्रेसी नेताओं ने सदस्यों को जोड़े रखने जी तोड़ मेहनत की है जिसके लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी मैदान में उतारना पड़ा है