Netagiri.in—मोदी सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक यदि इन अधिकारियों का कुल निवेश, स्टॉक, शेयर या किसी अन्य इन्वेस्टमेंट में एक कैलेंडर इयर के दौरान 6 महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा हो जाता है तो उन्हें इसकी डिटेल देनी होगी। ये जानकारी एआईएस यानी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16 (4) के तहत उनके द्वारा शेयर की जाने वाली समान जानकारी से अलग है। इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं.
अधिकारियों के शेयर बाजार निवेश पर रहेगी सरकार की नजर
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये नियम ऑल इंडिया सर्विसेज यानी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस से जुड़े कर्मचारियों के लिए लागू होंगे। सरकार के इस फैसले से साफ जाहिर होता है कि वे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के शेयर बाजार निवेश पर नजर रखना चाहती है। ये आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है।
बताना होगा कहां से आया पैसा
अभी तक अधिकारियों से उनके निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं था। हाल के समय में केंद्र के पास कई रिपोर्ट आ रही थीं, जिसमें लाल बत्ती में चलने वाले अधिकारियों का शेयर बाजार में एक्सपोजर के संकेत मिल रहे थे। अब सरकार ने खुद ही अधिकारियों से पूछा है कि वे अपने निवेश के बारे में उसे सूचित करें। यहां पर सरकार ने 6 महीने के बेसिक वेतन की भी शर्त लागू की है।