Netagiri.in–4कोरबा जिले के विकासखंड कोरबा के अंतर्गत ग्राम पंचायत करुमौहा के सचिव अजय कुर्रे ने रोजगार सहायक की नौकरी लगवाने और बाद में प्रमोशन करवा कर सचिव बनवा देने का झांसा देकर गांव के ही एक युवक से 300000 रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। कोरोना काल से पहले और कोरोना काल के बाद यह सारी रकम किस्तों में ली गई। मौजूदा रोजगार सहायक को फर्जी नौकरी करना बताकर उसके स्थान पर नौकरी लगवाने का झांसा गंगाराम रात्रे को अजय कुर्रे ने दिया था। उसने जनपद सीईओ से अच्छी जान पहचान होने का भी हवाला दिया था। किसी भी तरह की नौकरी नहीं लगने पर जब पीड़ित ने अपने रुपए वापस मांगा तो सचिव के द्वारा रुपए वापस नहीं किए गए और धमकी भी दी गई। आखिरकार पीड़ित ने पुलिस की शरण ली है। चर्चित सचिव अजय कुर्रे के विरुद्ध पुलिस ने धारा 420 एवं 506 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। आपको बता दें कि अजय कुर्रे की पंचायतों में भ्रष्टाचार संबंधी कई शिकायतें रही हैं और इसका ट्रांसफर भी पाली ब्लॉक में कर दिया गया था लेकिन अपनी काली कमाई और ऊंची पहुंच का फायदा उठाते हुए चालू सचिव पुनः फिर कोरबा ब्लॉक में ही पदस्थ हो गया और मनमानी करने लगा
राजगामार चौकी में पीड़ित प्रार्थी ने आवेदन मैं लिखा है कि….
कोरबा (छ.ग.) विषय- नौकरी लगाने के नाम पर तीन लाख रूपये लेकर धोखाधडी करने बाबत महोदय नम्र निवेदन कि. मै गंगाराम रात्रे पिता जनक प्रसाद रात्रे ग्राम करूमौहा थाना बालको चौकी रजगामार जिला कोरबा (छग) का निवासी हूँ और वर्तमान में अभी खेती किसानी के साथ-साथ पढाई भी कर रहा हूँ जो कि अजय कुर्रे पिता संत राम कुर्रे ग्राम करूमौहा थाना बालको चौकी रजगामार जिला कोरबा छग का निवासी है और वर्तमान में कोरबा ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायतो में सचिव के पद पर पदस्थ है जिसमें मुझे माह मार्च 2019 के पहले सप्ताह में यह कहा कि ग्राम पंचायत करुमौहा का जो रोजगार सहायक है वह फर्जी तरीके से लगा है उसको हटाकर उसके स्थान पर तुमको लगवा दूंगा। उसके बाद सचिव के पद पर भी प्रमोशन करवा दूंगा। मेरा जनपद पंचायत सीओ सर से अच्छा से संबंध है, इसके लिये तुम्हे तीन लाख रूपये देने होंगे। इस प्रकार मैं उसके झासे में आ कर उसको मैने तीन लाख रूपये को किस्ती में देने की बात कही और मार्च 2019 के पहले सप्ताह में ही एक लाख रूपये दो गवाहों के समक्ष नगद दिया और एक सप्ताह बाद 88000/- रू दो गवाहो के समक्ष नगद दिया। उसके बाद कोरोना महामारी आ जाने पर उसने कहा कि बाकी पैसे को भी जल्दी दो उसके बाद नियुक्ति आयेगा तो मैंने उसके बैंक एकाउण्ट 50100096057881 एचडीएफसी बैंक कोरबा के खाते में फोन पे नं 8085305029 में अपने बैंक एकाउंट 31765600815 एसबीआई ओमपुर फोन पे नं0 8878472411 से उसको 11.04.2019 को समय 9:56 बजे सुबह पहले 60,000/- साठ हजार रुपये उसके बाद 11.04.2019 की 9.59 बजे सुबह 20,000/- बीस हजार रुपये उसके बाद विष्णु के खाते में डालने के लिये बोला और कहा कि में विष्णु से नगद ले रहा हूँ तुम उसके खाते में 20,000/- बीस हजार रूपये फोन पे के माध्यमसे पैसा भे दो फिर 11.04.2019 को समय 10.05 बजे सुबह 20,000/- ट्रांसफर किया इस प्रकार उस दिन टोटल 1,00000/- रूपये मैंने ट्रासफर किया उसके बाद दिनांक 17.06.2019 को 10.000/- दस हजार रूपये उसके बाद 02.07.2019 को 2,000/- दो हजार रूपये उसके बाद मैंने अपने दूसरे एकाउण्ट से 23190002100019602 पंजाब नेशनल बैंक टीपी नगर कोरवा के खाते से दिनांक 25.11.2020 को उसके एचडीएफसी बैंक खाते मे 10,000/- दस हजार रुपये का ट्रांसफर किया सभी रकम लेने के बाद मुझे अभी कोरोना चल रहा है अभी किसी को हटाया और न ही नये नियुक्ति किया जा सकता है करके कहा गया और जैसे ही कोरोना का प्रभाव कम होगा जैसे ही आपको नियुक्ति मिल जायेगा कहकर आज दिनांक को कोरोना अभी कम हो जाने के बाद भी मुझे नौकरी पर न तो लगाया और न ही मेरा पैसा मुझे वापिस कर रहा है मांगने पर गाली गलौज और तुम्हारे द्वारा क्या सबूत है कि तुमने मुझे पैसा दिया है बोला जा रहा है। और जान से मारने की धमकी देता है।