Netagiri.in कोरबा– सिविल लाइन थाना रामपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम गोढ़ी में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के राखड़ बांध की पाइपलाइन चोरों के निशाने पर है। यहां एक सिंडिकेट बनाकर पाइप को कटवा कर चोरी करने का काम काफी दिनों से चल रहा है जिसमें प्रमुख रूप से जनपद पंचायत कोरबा की सदस्य के पुत्र का नाम सामने लाया जाकर थाना में शिकायत की गई है।
आरोप है कि जनपद सदस्य के पुत्र आशीष गांगोली व उसके साथी मिलकर क्षेत्र में अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं जिसका विरोध करने पर गाली,गलौच मारपीट करने के साथ ही जान से मारने की धमकी दी जाती है। जनप्रतिनिधी का पुत्र होने का बेजा फायदा उठाते हुए उसके द्वारा गोढ़ी में मौजूद राखड़ डेम से चोरी करने के साथ ही सीएसईबी पर रंगदारी वसूल करने दबाव बनाया जा रहा है जिसकी शिकायत पुलिस तक पहुंच गई है।
इस मामले में ग्राम पंडरीपानी निवासी दौलत राम पटेल ने सिविल लाईन पुलिस से लिखित शिकायत की है। उसने जिक्र किया है,कि वो गोढ़ी में संचालित सीएसईबी के राखड़ बांध में मेसर्स जे.के.कंस्ट्रक्शन में सुपरवाईजर के पद पर कार्यरत है। पिछले दिनों दोपहर ढाई बजे आशीष गांगोली व उसका साथी सोनू सारथी द्वारा राखड़ बांध के वेल के लोहे के रेलिंग को श्याम पटेल उर्फ नन्हा व उसके साथियों के माध्यम से कटवाया जा रहा था जिसे मना करने पर गाली गलौच करने के साथ ही जान से मारने की धमकी दी गई और हमारे काम में दखल नहीं देने की बात कही गई। शाम के वक्त जब वह अपने बच्चे को लेकर ग्राम बेंदरकोना स्थित चिकित्सक के पास जा रहा था तब उनके द्वारा रास्ता रोककर मारपीट करने का प्रयास किया गया जिनसे वह जैसे-तैसे जान बचाकर भागा। आरोप है कि आशीष गांगोली गांव वालों से जबरन हड़ताल करवाकर सीएसईबी प्रबंधन पर प्रतिमाह 1 लाख रुपए की रंगदारी देने का दबाव बना रहा है। कहा गया है कि आशीष गांगोली व उसके साथियों के खिलाफ जल्द से जल्द अगर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्र में किसी अप्रिय घटना के घटने से इंकार नहीं किया जा सकता।
0 कुछ और नाम की भी चर्चा
गोढ़ी के राखड़ बांध की पाइपलाइन की चोरी का मामला कई दिनों से सुर्खियों में है। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि आशीष गांगुली के साथ अरविंद और प्रमोद नामक व्यक्ति के द्वारा काम किया जाता रहा है और उनके द्वारा लगभग 1 महीने तक यहां के पाइप लाइन को कटवाया जाकर चोरी कर कर उसी रास्ते से जिले से बाहर ले जाकर बेचा जाता रहा। हालांकि इन मामलों में सीएसईबी प्रबंधन की तरफ से ठोस कार्रवाई और शिकायत नहीं किए जाने के कारण हौसले बढ़े हुए हैं।