राजनीति में राजनेताओं को न केवल तख्त और ताज मिल रहा है, बल्कि उन्हें नया नाम और पहचान भी मिल रही है
छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिदृश्य के साथ-साथ अन्य राज्यों में राजनेता कुर्सी पर बैठने के बाद नए रिश्तों के नाम के साथ पहचाने जाने लगे हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कका, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को चाउर वाले बाबा का नाम राजनीति में आने से ही मिला है।
समाजशास्त्रियों के अनुसार रिश्ता एक ऐसा शब्द है जिसके कहने से ही अपनत्व का भाव दिमाग में उभर आता है। राजनीति में रिश्तों का ताना-बाना पहले से ही जुड़ा हुआ है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसने एक अलग ही छाप छोड़ दी है। ऐसे नेताओं के साथ भले ही खून के रिश्ते न हो फिर भी कार्यकर्ताओं और लोगों की ओर से दिए गए नाम से है, जिसे कई जगहों पर जनता ने इसे हाथों हाथ लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया है।
आज कई नेताओं ने इन्हीं रिश्तों के नाम से ही अपनी प्रसिद्धि को और आगे बढ़ाया है। उनके साथ जुड़े रिश्ते ही उनकी पहचान बन गई है। कई नेताओं को आज कका, मामा, बाबा, बहन, दीदी के नाम से जानते हैं।
”कका” कहते ही जुबां पर आते हैं भूपेश
प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश पूरे राज्य में कका के नाम से जाने जाते हैं। यह शब्द अब इतना प्रचलित हो चुका है कि कका शब्द बोलते ही भूपेश बघेल की छवि लोगों के दिमाग में आ जाती है। भूपेश बघेल भी कई मंचों से कह चुके हैं कि उन्हें ये कका का टाइटल मैंने खुद नहीं दिया है, बल्कि युवाओं और प्रदेश की जनता ने दिया है। ये लोगों का भरोसा है जो कहते हैं कका है तो भरोसा है और कका अभी जिंदा है।
आज कई नेताओं ने इन्हीं रिश्तों के नाम से ही अपनी प्रसिद्धि को और आगे बढ़ाया है। उनके साथ जुड़े रिश्ते ही उनकी पहचान बन गई है। कई नेताओं को आज कका, मामा, बाबा, बहन, दीदी के नाम से जानते हैं।
रमन कहलाए चाउर वाले ”बाबा”
इसी तरह छत्तीसगढ़ के ही पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को उनके कार्यकाल में लोग उन्हें चाउर वाले बाबा के नाम से पुकारते थे। इन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों को कम कीमत पर चावल बांटा, जिसके कारण ही उन्हें चाउर वाले बाबा यानी चावल वाले बाबा के नाम से जाने जाना लगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लोगों तक भाेजन पहुंचाने के कारण लोगों ने उन्हें चाउर वाले बाबा कहना शुरू कर दिया।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी ”बाबा”
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को पूरे राज्य में ”बाबा” के नाम से जानते है। ऐसा माना जाता है कि जो उनके करीब हैं उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं, कुछ नेता उन्हें महाराज साहब भी बोलते हैं। राजपरिवार से आने वाले बाबा अंबिकापुर से विधानसभा सीट से वे विधायक हैं।
अन्य राज्यों में भी रिश्ता वाले नेता
मध्यप्रदेश में शिवराज कहलाए मामा
मध्य प्रदेश के रिकार्ड में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में मामा के नाम से जानते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों के लिए कई अच्छी योजनाएं शुरू की, जिसके कारण उन्हें मामा कहने का सिलसिला शुरू हुआ और अब बेटे भी उन्हें मामा कहकर बुलाते हैं।
योगी कहलाए बुलडोजर बाबा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह वहां के अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर का उपयोग किया है, तब से कार्यकर्ता और आम लोग भी उन्हें बुलडोजर बाबा के नाम से भी जानते हैं। उत्तर प्रदेश में हुए बीते विधानसभा चुनाव में बुलडोजर को लेकर कई गीत प्रचारित हुए थे, जो काफी लोकप्रिय भी रहे।
मायावती कहलाईं ‘बहन’
उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री रही मायावती, बहन मायावती के नाम से जानी जाती हैं।
बंगाल की दीदी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीदी के नाम से प्रसिद्ध है।
महाराष्ट्र के दादा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अपने चाहने वालों के बीच दादा के नाम से जाने जाते हैं।
तमिलनाडु की अम्मा
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता को राजनीति में उनके समर्थक अम्मा (मां) कहकर बुलाते थे। उन्होंने वर्ष 2013 में जरूरतमंदों के लिए अम्मा कैंटीन की शुरूआत की थी, जिसकी चर्चा पूरे देश में थी।