छत्तीसगढ़ में पहली बार एक महिला अधिकारी के कंधों पर विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी, बस्तर में वोटिंग पर बोलीं- इस बार मतदान का बनाएंगे नया रिकार्ड
छत्तीसगढ़ में पहली बार एक महिला अधिकारी के कंधों पर विधानसभा चुनाव-2023 के नेतृत्व की जिम्मेदारी हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) रीना बाबा साहेब कंगाले एक आइएएस अधिकारी हैं, वहीं उनके पिता महाराष्ट्र के आइपीएस अधिकारी रहे हैं। चुनाव की तैयारियों में उन्होंने धुर नक्सली क्षेत्रों से लेकर पहाड़ी व मैदान इलाकों का जायजा लिया है। पहले चरण के चुनाव के लिए टीमें रवाना हो चुकी है। 20 सीटों में से 12 सीटें अति संवेदनशील हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार डेढ़ गुणा से ज्यादा सुरक्षा जवान तैनात रहेंगे। पहले चरण की 20 सीटों पर एक लाख सुरक्षा जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। नईदुनिया से चर्चा में सीईओ रीना बाबा साहेब कंगाले ने सवालों का बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि हम सुरक्षा और चुनौती दोनों पर खरे उतरेंगे। मतदाताओं को लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। हमे उम्मीद है कि मतदाता इस बार मतदान का नया रिकार्ड बनाएंगे।
1. सवाल-विधानसभा चुनाव-2023 की जिम्मेदारी आपके कंधों पर हैं। आप कैसा महसूस कर रही है?
जवाब- मुझे प्रसन्नता एवं गर्व की अनुभूति है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में अपनी सहभागिता देने का अवसर मिला है। राज्य स्तर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुगम एवं समावेशी चुनाव कराने की जिम्मेदारी मुझे मिली है। मुझ पर भरोसा किया गया। इस भरोसे को कायम रखूंगी।
2. सवाल-पहले चरण में खासतौर पर बस्तर क्षेत्र में मतदान को लेकर क्या तैयारियां-चुनौतियां है?
जवाब-बस्तर का कुछ क्षेत्र दुर्गम है। कुछ ऐसे क्षेत्र भी है जो नक्सलवाद से प्रभावित है। इन सभी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक एवं निर्विघ्न चुनाव को लेकर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक करते हुए संवेदनशील मतदान केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था की विशेष रूप से तैयारी की गई है। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होने से यहां 3629 मतदान केंद्रों के साथ ही 126 नए मतदान केंद्रों में वोट डाले जाएंगे।
3. सवाल- दो विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कराने की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई है।
जवाब- छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। राजधानी की दो विधानसभाओं में चुनाव की जिम्मेदारी केवल महिलाओं के हाथ में देकर हमने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महिलाएं हर वह काम बखूबी कर सकती है जो पुरुष कर सकते हैं।
4. सवाल-आपके पिता आइपीएस अधिकारी रहे, आपको उनके क्या प्रेरणा मिली ?
जवाब-हमेशा गौरव की अनुभूति होती है। जब विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान मैं संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों की समीक्षा करती हूं। तब मैं और बेहतर तरीके से समझ पाती हूं कि एक आइपीएस अधिकारी के रूप में मेरे पिता ने किन बड़ी चुनौतियों का सामना किया होगा और उन्हें सफलतापूर्वक हल किया होगा। इससे उनके प्रति गौरव भाव और भी बढ़ जाता है।
तीन जिलों में कलेक्टर रह चुकी हैं
रीना बाबा साहेब कंगाले दुर्ग, दंतेवाड़ा व कोरबा कलेक्टर रह चुकी हैं। जनवरी 2020 से उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी मिली है। वे 2003 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म आठ मार्च 1978 को नागपुर में हुआ। नागपुर विश्वविद्यालय में उन्होंने एलएलबी में 11 स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। उनके पिता नागपुर में पुलिस आयुक्त रह चुके हैं। कलेक्टर के साथ ही उन्होंने स्कूल,खनिज,वाणिज्यिक कर व अन्य विभागों के प्रमुख पदों पर सेवाएं दी है।