भाजपा सरकार का किसान विरोधी चेहरा आया सामने ,शंभू बॉर्डर पर गोलियां चलवाकर किया खुद को बेनकाब
किसान आंदोलन 2
किसानों पर शंभू बार्डर में गोलियां चलवाकर भाजपा सरकार ने अपना किसान विरोधी चेहरा प्रदर्शित किया.. लल्लू सिंह किसान नेता
पूरी तरह से तानाशाह और अलोकतांत्रिक हो चुकी है मोदी और खट्टर सरकार
रायगढ़..एक तरफ देश के उत्तरी क्षेत्र के किसानों का किसान आंदोलन 2 जोर पकड़ने लगा है तो वही दुसरी तरफ शंभू बार्डर में msp की मांग पर डटे किसानों के समर्थन में देश के अलग_अलग राज्यों से विभिन्न किसान सभा,राजनीतिक दल और समाजिक संगठनों के लोग जुटने लगे हैं। ऐसे में छ ग राज्य के रायगढ़ जिले के कद्दावर किसान कांग्रेस नेता लल्लू सिंह ने भी शंभू बार्डर के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए शांति पूर्ण ढंग से एमएसपी की मांग करने वाले किसानों पर गोलियां चलवाने वाली केंद्र की मोदी और हरियाणा की खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया है।
श्री सिंह ने कहा है कि झूठ और धोखे देश की सत्ता हथियाने वाली भाजपा सरकार के सुप्रीमो नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान देश भर के किसानों को उनकी फसलों के एमएसपी मिलने का खुला समर्थन करते हुए सत्ता में आने के बाद एमएसपी लागू करने की बात कही थी। लेकिन पिछले 10 सालों से सत्ता में रहते हुए भी आपने किसानों के पक्ष में एमएसपी तो दूर कोई भी लाभकारी काम नही किया।
उलट उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के एकजुट किसानों की मांग को अलोकतांत्रिक ढंग से दबाने में लग गए हैं।
इसी वजह है कि अपने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून और कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली में शांति पूर्ण प्रदर्शन के लिए आने वाले किसान समूहों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर में रोकने के लिए लगाए गए पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों ने इतनी भीषण गोला बारी की है, की जिससे दर्जनों किसान न केवल घायल हुए है,बल्कि एक किसान की मौत भी हो चुकी है। भाजपा सरकार के तानाशाही रवैए के कारण शंभू बार्डर में हालात बेहद तनाव पूर्ण हो चुके है। वहीं किसान शंभू और दातासिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली कूच के लिए मोर्चा संभाले हुए है।
श्री सिंह कहते है कि कारपोरेट वर्ग की भलाई में लगी भाजपा सरकार के लिस्ट में किसानों का हित कभी शामिल नहीं रहा है। ऐसा जीवंत प्रमाण किसान आंदोलन एक रहा है। जिसके दौरान तीन काले कृषि कानून को वापस करवाने के लिए 700 किसानों को अपनी जान देनी पड़ी थी। कई महीने तक चले इस आंदोलन के बाद सरकार ने तीन कानून वापस जरूर लिए थे,परंतु msp पर किए अपने वायदे को अभी तक नही निभाया।
इस कारण किसानों को मजबूर होकर किसान आंदोलन 2 का हिस्सा बनना पड़ा है। यहां भी शांति पूर्ण ढंग से अपनी मांग रखने वाले किसानों पर सीधे गोलियां चलवाने और ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाने का सरकारी निर्णय पूरी तरह से गलत और अलोकतांत्रिक है।
लल्लू सिंह ने यह भी बताया कि जल्दी ही उनके नेतृत्व में अंचल और राज्य के कई किसान संभू बार्डर आंदोलन को समर्थन देने जाएंगे भी साथ ही स्थानीय स्तर पर भी प्रदर्शन करके एमएसपी आंदोलन को बल देंगे।।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि लल्लू सिंह अंचल के सुविख्यात किसान नेता और कद्दावर काग्रेस कार्यकर्ता है। आप किसानों और आदिवासियों के तमाम जनपक्षीय आंदोलनो को खुला समर्थन और सहयोग देते रहे हैं।