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राजनीति

छत्‍तीसगढ़ की सुकमा जिले की एकमात्र सीट कोंटा विधानसभा में बड़ा राजनीति फेरबदल हो गया। मुख्य विपक्ष पार्टी सीपीआई के उम्मीदवार मनीष कुंजाम इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे

छत्‍तीसगढ़ की सुकमा जिले की एकमात्र सीट कोंटा विधानसभा में बड़ा राजनीति फेरबदल हो गया। मुख्य विपक्ष पार्टी सीपीआई के उम्मीदवार मनीष कुंजाम इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। केंद्र चुनाव आयोग ने सीपीआई पार्टी की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खत्म कर दी जिसके बाद इन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ेगा।

दरअसल, सीपीआई उम्मीदवार मनीष कुंजाम ने कहा कि चुनाव आयोग में पार्टी को कुछ प्रक्रिया पूरी करनी थी, जिसे किया भी गया, लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इसलिए हम लोग बस्तर संभाग में अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हम लोग जीत रहे हैं।

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म होने से प्रत्याशी हुए निर्दलीय

छत्‍तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अभी तक चुनावों में तीन पार्टी कांग्रेस, भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का ही शोरगुल सुनाई देता था। लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्‍म हो जाने के बाद अब इसके प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर नामांकन जमा कर चुनाव समर में हैं

सीपीआई का सबसे ज्यादा बस्तर संभाग में वर्चस्व कोंटा और दंतेवाड़ा विधानसभा में है। ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के सिंबल को ऐटार वंजी के नाम से जानते हैं। ऐटार मतलब हंसिया और वंजी मतलब धान। पर अब इस पार्टी के सामने लोगों तक अपना चुनाव चिन्ह पहुचाना बड़ी चुनौती होगी। 2018 में दंतेवाड़ा विधानसभा में पार्टी को 12000 मत मिले थे। ये सीपीआई के परंपरागत मतदाता माने जाते हैं।

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