फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का फैसला
सक्ति
Chattisgarh Shakti___ फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में 26 वर्षीय अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 20 वर्ष की कठोर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है।
विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत फास्ट ट्रेक पोक्सो कोर्ट शक्ति ने बताया कि यह घटना मालखरौदा थाना क्षेत्र की है। अभियुक्त कुश कुमार केवट ने दिनांक 9 अक्टूबर 2019 को सवेरे 9:00 बजे अपने घर से नाबालिग बालिका सामान लेने गांव के दुकान जा रही थी तभी उसके पीछे पीछे अभियुक्त मोटरसाइकिल में आया और नाबालिग बालिका को मोटरसाइकिल में बैठने के लिए बोला तो नाबालिग बालिका ने अभियुक्त के मोटरसाइकिल में बैठने से इंकार कर दी तब अभियुक्त जबरजस्ती हाथ खींच कर नाबालिग बालिका को अपनी मोटरसाइकिल में बिठाकर तेज गति से चलाकर अपने मामा के घर भटगांव नवापारा ले जाकर 2 दिन तक अपने मामा के घर में रखकर जबरदस्ती नाबालिग बालिका के मना करने के बाद भी उसके साथ दुष्कर्म किया ।
नाबालिग बालिका के गुम होने पर नाबालिक बालिका के पिता द्वारा घटना की रिपोर्ट थाना मालखरौदा में दर्ज कराया गया था। पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध बहला-फुसलाकर नाबालिक लड़की को भगाकर ले जाने के संबंध में अपराध क्रमांक 239 / 2019 धारा 363, भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना किया गया। विवेचना के दौरान अभियुक्त से नाबालिग बालिका को बरामद किया गया तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत धारा 363, 366, 376, भारतीय दंड संहिता एवं 6 पोक्सो एक्ट के तहत अभियुक्त के खिलाफ अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट शक्ति में प्रस्तुत किया गया था l न्यायालय द्वारा सभी पक्षों को अपने पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने के बाद विचारण उपरांत न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया l अभियोजन द्वारा अभियुक्त के खिलाफ आरोपित अपराध प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायाधीश पॉक्सो यशवंत कुमार सारथी द्वारा अभियुक्त को दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त कुश कुमार केवट पिता शिव शंकर केवट उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम देवरी थाना शक्ति जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹10000 की अर्थदंड एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अपराध के लिए 1 वर्ष की सश्रम कारावास तथा 1000 ₹ अर्थदंड तथा धारा 366 के लिए 3 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹1000 अर्थदंड की सजा अभियुक्त को दिया गया है l अभियुक्त को दी गई सभी सजाएं साथ साथ भुगतायी जावेगी ।
छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से पैरवी शासकीय विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिवक्ता राकेश महंत ने किया।