WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
कोरबाक्राइमछत्तीसगढ़प्रशासनिक

करोड़ों के भ्रष्टाचार कर अधिकारियों ने लगा ली नैय्या पार, सीएसआर,डीएम एफ का जम कर हुआ भ्रष्टाचार

Netagiri,in—कोरबा जिले के पूर्व DM और DMC की भ्रष्टाचार में भूमिका सामने आई है स्कूल भवन मरम्मत व अतिरिक्त कक्ष निर्माण में भ्रष्टाचार की ईमारत खड़ी कर दी गई है, कुछ प्रमाणित दस्तावेजों से डीपीआई व डीएमएफ और समग्र से जारी हुई 2286.37 लाख का बड़ा खुलासा हो सकता है

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत स्कूलों के मरम्मत कार्य और अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में करोड़ों रूपए जारी हुए है। भारी भरकम राशि जारी होने के बाद भी अधिकांश स्कूलों की मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य में कोई खास फर्क नहीं आया है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। जांच में इसका भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकता है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत जिले के 603 स्कूलों के मरम्मत के लिए 2309.95 लाख और 344 स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 966.83 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया था। जिसमें से डीपीआई, डीएमएएफ और समग्र से राशि जारी की गई है। कोरबा जिले के स्कूलों के मरम्मत और कक्ष निर्माण के लिए 2286.37 लाख रूपए की राशि जारी की गई है। जिसमें से 1569.03 लाख रूपए डीपीआई , 596.60 लाख रूपए डीएमएफ और 120.74 लाख रूपए समग्र से जारी हुए है। इस संबंध में 14 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखकर योजना के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे। जिसमें सभी कार्यो को 31 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे। इन स्वीकृत कार्यो पर व्यय राशि की जानकारी प्रति सप्ताह संचालक लोक शिक्षण को भेजे जाने कहा गया था। प्रदेश के जिलों में 8794 अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति जिला स्तर पर की गई है। जिसमें से 5607 कार्य प्रारंभ नहीं होना बताया गया था। 5607 अतिरिक्त कक्ष जिनका निर्माण अब प्रारंभ है उन्हें प्रारंभ नहीं करने कहा गया था। जिससे बच्चों की पढाई में बाधा न हो। इसके अलावा शेष में से 161 कार्य पूर्ण व 3026 कार्य प्रगतिरत होना बताया गया था। योजना के तहत जिले में भारी भरकम राशि जारी हुई है। जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही है। जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा में बतौर डीएमसी एसके अंबस्ट 6 सिंतबर 2019 से 13 अक्टूबर 2022 और तत्कालीन डीएमसी संजय सिंह 14 अक्टूबर 2022 से 8 दिसंबर 2023 तक पदस्थ रहे। उक्त कार्य उनके कार्यकाल के है। ऐसे में दोनों अफसरों की भूमिका पर सवाल उठना स्वाभाविक है। वही पूर्व के कलेक्टर ने योजना के तहत किए गए कार्यो की जांच की जाए तो भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकता है। योजना के अलावा डीएमएफ से भी बड़ी राशि खर्च की गई है। करोड़ों-अरबों रूपए खर्च करने के बाद भी स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। मामले में जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

बाक्स

भाजपा के पूर्व विधायक ननकीराम कर चुके है शिकायत

प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर स्कूलों में प्रशिक्षण,सामग्री सप्लाई और निर्माण संंबंधित कार्य स्वीकृति में पूर्व कलेक्टर व अन्य के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए अरबों रूपए के गबन व भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके है। जिसकी शिकायत उन्होंने 29 अप्रैल 2023 को पीएम मोदी से की थी। इसके अलावा उन्होंने गत जनवरी माह में ही स्वामी आत्मानंद स्कूल स्थापना के नाम पर करोड़ों रूपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है। उन्होंने नई सामग्री नियम विरूद्ध खरीदने की शिकायत स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से की है। स्कूलों में मरम्मत व सामग्री खरीदी के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार के मामलों में जांच की मांग वे करते रहे है, इसके बाद भी केन्द्र और राज्य में भाजपा शासनकाल होने के बाद भी जांच और कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।

बॉक्स

बॉक्स
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अलावा डीएमएफ से भी अरबों की राशि मिली

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अलावा स्कूलों में विभिन्न कार्यों के लिए जिला खनिज न्यास मद (डीएमएफ) से करोड़ों अरबों रुपए खर्च मिले हैं।विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि विकासखण्ड पोडी उपरोड़ा में संचालित शास. मा. शालाओं में अतिरिक्त कक्ष व शेड निर्माण के लिए 87लाख 50 हजार, शौचालय निर्माण करने 93 लाख 30 हजार, विकासखण्ड करतला में शा. मा. स्कूलों में शौचालय निर्माण करने 66 लाख 78हजार, विकासखण्ड कटघोरा में संचालित शा. मा. शालाओं में शौचालय निर्माण करने 77 लाख 91हजार, विकासखण्ड पाली में संचालित शा. मा. शालाओं में शौचालय निर्माण करने 66 लाख 78 हजार, पोडी उपरोड़ा में संचालित शा. मा. शालाओं में शौचालय निर्माण करने 66 लाख 78 हजार, विकासखंड कोरबा में छात्रावासों और आश्रमों में अतिरिक्त कक्ष व शेड निर्माण करने 1करोड़ 01 लाख 85 हजार,विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा में संचालित छात्रावास आश्रमों में अतिरिक्त कक्ष व शेड निर्माण करने 1 करोड़ 01 लाख 85 हजार, कोरबा जिला अंतर्गत संचालित छात्रावास आश्रमों में अतिरिक्त कक्ष व शेड निर्माण करने 1करोड़ 01 लाख 85 हजार, कोरबा के आश्रामों शालाओं में शौचालय निर्माण करने 55 लाख 65हजार, विकासखण्ड कोरबा के प्राथमिक शालाओं में शिक्षा गतिविधि के नवाचार के तहत बच्चों को वेलकम कीट के लिए 31लाख 45 हजार 600, करतला के प्राथमिक शालाओं में वेलकम कीट के लिए 24 लाख18 हजार 200, विकासखण्ड कटघोरा के प्राथमिक शालाओं में वेलकम किट के लिए 22 लाख 30 हजार 600, पाली में 33 लाख 37 हजार 600, पोडीउपरोड़ा में 34 लाख 48 हजार 600 विकासखण्ड कोरबा के प्राथमिक शालाओं में पुस्तक व अन्य अध्ययन सामग्री के सुरक्षा हेतु व्यवस्था के तहत बुडन बुक रेक विथ डोर की लिए 63 लाख 63 हजार, करतला में 46 लाख 62 हजार, कटघोरा में 46 लाख 83 हजार, पाली में 68 लाख़ 67 हजार, में पोड़ीउपरोड़ा के 84 लाख 21 हजार, कोरबा और कटघोरा में 7लाख 98 हजार, करतला के हाई स्कूल एवं उ. मा. शालाओं में 6 लाख़ 93 हजार, पाली के हाई स्कूल एवं उ. मा. शालाओं में पुस्तक व अन्य अध्ययन सामग्री के सुरक्षा हेतु व्यवस्था के तहत बुडन बुक रेक विय डोर के लिए 6 लाख़ 93 हजार, पोड़ीउपरोड़ा के लिए 798000,
करतला के लिया 17 लाख 22000, विकासखण्ड कटघोरा के 1869000, विकासखण्ड पोड़ीउपरोड़ा के लिए 28 लाख 77 हजार, विकासखण्ड पाली के लिए 2415000, कोरबा के लिए 1995000, मध्यान्ह भोजन में पौष्टिक व गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदाय करने के तहत विभन्न प्रकार के वस्तुओं को व्यवस्थित रखने हेतु विकास खण्ड कोरबा के प्राथ. शाला में 6300000, करतला में 4840000, कटघोरा में 4480000, पाली में 6680000, पोड़ी उपरोड़ा में 6900000 कोरबा के माध्यमिक विद्यालयों में 3100000, कटघोरा में 3140000, पाली में 4000000पोड़ी उपरोड़ा में 3760000 रुपए प्रदाय किए गए हैं। इसके अलावा सभी विकासखंडों के शालाओं के बच्चों में बौद्धिक विकास की व्यवस्था, विकासखंडों के शालाओं के बच्चो में बौद्धिक विकास की व्यवस्था, शालाओं में एडवांस टीचिंग व्यवस्था के लिए, हाई स्कूल व हायर सेकण्डरी स्कूलों में बच्चों के भाषा ज्ञान/शैक्षणिक कार्य में सुधार हेतु, संस्थाओं में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था , शैक्षिणिक संस्थाओं में पुस्तक व अन्य अध्ययन सामग्री के सुरक्षा व्यवस्था के लिए मोटी रकम प्रदाय की गई है। हैरानी की बात तो यह है कि जिस सुविधाओं के नाम पर करोड़ों खर्च किए हैं उनमें से अधिकतर का तो बच्चों तक पता नहीं है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के इस पूरे मामले में पूर्व कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!