Chattisgarh Korba —-छत्तीसगढ़ की भाजपाई राजनीति में भी इन दिनों सियासी बदलाव देखने में आ रहा है। छत्तीसगढ़ की भाजपाई पर कभी हंटर चलाने वाली डी पुरंदेश्वरी को जेपी नड्डा ने हटा दिया है उनके जगह ओम माथुर को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी गई है वही नितिन नबीन सह प्रभारी पद पर बने रहेंगे। पिछले दिनों नड्डा ने प्रदेश में बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदल दिया था और अब छत्तीसगढ़ की प्रभारी को बदल दिया।
जानकारी यह भी आ रही है कि भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष और महिला मोर्चा की बारी है। पार्टी ने विष्णुदेव साय की जगह अरुण साव सांसद बिलासपुर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की जगह जांजगीर चांपा के विधायक नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। इन बदलावों को प्रदेश भाजपा में गुटबाजी के चलते एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है। जिससे अब प्रदेश में सियासी अटकलों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है कि भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू और महिला मोर्चा की अध्यक्ष शालिनी राजपूत का नंबर कभी भी लग सकता है। समन्वय बैठक के बाद होंगे कई बदलाव रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस के समन्वय बैठक के बाद प्रदेश भाजपा में बदलाव किये जाने की संभावना जताई जा रही है। जातिगत समीकरण को देखते हुए ओबीसी वर्ग को जिम्मेदारी देने के बाद आदिवासी और सतनामी समाज के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की भी जानकारी मिल रही है। आदिवासी वर्ग के नेताओं को बड़ा पद दिए जाने की भी अटकलें हैं। जो आरएसएस की समन्वय बैठक के बाद हो सकती है। आरएसएस के चीफ मोहन भगवत इन दिनों रायपुर में ही मीटिंग ले रहे हैं, उनकी मीटिंग के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है। विवादों में रही पुरंदेश्वरी पूर्व प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी जब से प्रदेश प्रभारी की कमान संभाली थी तब से अनर्गल बयानों को लेकर भाजपा की किरकिरी कर रही थी, जिससे हाईकमान की नाराजगी चल रही थी, वहीं स्थानीय नेताओं को भाव नहीं देती थी जिसके कारण वो पार्टी में समन्वय नहीं बैठा सकी। इस तरह कमियों को दूर करने का मौका भी दिया लेकिन जब भी प्रदेश दौरे पर आई विवादित बयान देकर सुर्खियों में रही। इसे हाई कमान ने गंभीरता से लिया कि चुनाव के समय ऐसी स्थिति निर्मित हुई तो भाजपा को भारी पड़ सकता है। इसलिए बिना देर किए पुरंदेश्वरी को हटाने का फैसला लिया। जिस वक्त पद से हटने का फरमान आया उस वक्त पुरंदेश्वरी नड्डा के साथ बैठक कर रही थी। सूत्रों की माने तो नए प्रभारी ओम माथुर राजस्थान से है और प्रदेश में राजस्थानी लोगों का बड़ा होल्ड है, उसे भुनाने के लिए राजस्थानी नेताओं को प्रमोट करेंगे। नड्डा सांसद-विधायकों के कामकाज से नाखुश, कार्यकर्ताओं को साधने के निर्देश छत्तीसगढ़ बीजेपी संगठन की बैठक के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सख्ती की चर्चा है. बताते हैं कि नड्डा ने दो टूक कहा कि पिछले चुनाव में हार की सबसे बड़ी वजह कार्यकर्ताओं की नाराजगी थी. कार्यकर्ता नाराज थे, इसलिए पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, लिहाजा अबकी बार कार्यकर्ताओं को लेकर चलना है. कहा जा रहा है कि सांसद-विधायकों के कामकाज से नड्डा नाखुश नजर आए. सूत्र बताते हैं कि जेपी नड्डा ने विधायकों से दो टूक कह दिया है कि जो काबिल होगा वहीं रिपीट होगा. उन्होंने संकेत दिया है कि चुनाव में नए चेहरों को मौका मिलेगा. कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद जेपी नड्डा कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने सांसद-विधायक, प्रदेश पदाधिकारी और कोर ग्रुप की बैठक ली. इन बैठकों के दौरान नड्डा ने ना केवल राज्य संगठन के कामकाज की समीक्षा की, बल्कि चुनावी तैयारियों पर रायशुमारी भी की. बताते हैं कि सांसद-विधायकों की बैठक के दौरान नड्डा ने कहा कि मैं किसी को आइना नहीं दिखाना चाहता, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर सब पर है. एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया गया है, जिससे नजर रखी जा रही है. इस मैकेनिज्म में साठ फीसदी तक अंक नहीं पाने वालों को विधानसभा की टिकट नहीं दी जाएगी. बताया जा रहा है कि नड्डा ने सांसदों पर सख्ती बरतते हुए कहा कि सांसद निधि उनके अपने लिए नहीं है. इस निधि का बेहतर उपयोग कहां हो सके? यह संगठन के निचले कैडर तक के लोगों के साथ मिल बैठकर तय किया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने के बाद प्रदेश स्तर पर नेता सक्रिय हो गए हैं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कई जिले के जिलाध्यक्ष जो सक्रिय भूमिका नहीं निभा सके हैं उनमें भी बदलाव की स्थिति देखने को मिल सकती हैं