आर्मी चीफ बोले-सेना में कुकी-मैतेई साथ काम करते हैं:मणिपुर में शांति बहाली में बड़ा रोल
पुणे ,मणिपुर हिंसा के बीच आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि सेना कुकी और मैतेई समाज के लोगों को एकजुट करने का काम कर रही है।
उनका कहना है कि भारतीय सेना एक जाति विहीन आर्मी है। यह आपसी तालमेल बढ़ाती है और मतभेद खत्म करती है। यहां सभी संस्कृति के लोग एक साथ काम करते हैं।
जनरल द्विवेदी ने पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में एक प्रोग्राम के दौरान मणिपुर में शांति बहाली के लिए आर्मी के पूर्व सिपाहियों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जवान कुकी-मैतेई के बीच शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल, मणिपुर में कई बार शांति बहाली के लिए कुकी और मैतेई समाज के एक्स-सर्विसमेन की रैलियां हुई हैं।
हिंसा के 13 बाद कल से इंफाल वैली में 16 दिन से बंद स्कूल-कॉलेज फिर से खुल जाएंगे। दरअसल, जिरीबाम में 16 नवंबर को 3 बच्चों और 3 महिलाओं का शव मिलने के बाद इंफाल वैली के जिलों के स्कूल बंद कर दिए गए थे।
मणिपुर में सुरक्षाबलों ने पहाड़ी और घाटी जिलों के संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाए। कई जिलों में सुरक्षा की दृष्टि से 94 चेकपॉइंट भी बनाए गए हैं। गुरुवार को पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
NH-37 और NH-2 पर जरूरी सामान ले जा रही गाड़ियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। पिछले दिनों मणिपुर के जिरीबाम में छिड़ी हिंसा को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है। NIA ने मंगलवार को हिंसा के तीन मामलों में केस दर्ज किया है।
मणिपुर के इम्फाल ईस्ट जिले में गुरुवार को हजारों लोग जिरीबाम में हुई हत्याओं के आरोपियों की गिरफ्तारी और आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी लामलाई से योरबंग तक 4.5 किलोमीटर के रास्ते पर मार्च कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों से ऑफिस खाली कर ताले लगवाए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय के आदेश पर 14 नवंबर से इम्फाल पश्चिम जिले के सेकमई और लमसांग, इम्फाल पूर्व जिले के लाम्लाई, जिरिबाम जिले के जिरिबाम, कांगपोकपी के लेइमाखोंग और बिष्णुपुर जिले के मोइरंग में AFPA लागू किया गया था।