Netagiri.in—–छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन ,से ठीक पहले एक नोटिस बम फूटा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी-AICC अनुशासन समिति के सचिव तारिक
अनवर ने प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला और
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को नोटिस जारी कर एक
सप्ताह में जवाब मांगा है। दोनों नेताओं पर संगठन और
सरकार के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस की ओर से जारी नोटिस में अमरजीत चावला पर तीन आरोप लगाए गए हैं। पहला यह कि अमरजीत चावला कांग्रेस कार्यालय में बैठकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करते रहते हैं। दूसरा यह कि अमरजीत चावला नये आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की स्थिति में पार्टी लाइन का समर्थन नहीं कर रहे हैं और खुले तौर पर राज्यपाल के रुख का समर्थन कर रहे हैं। और तीसरा यह कि अमरजीत चावला, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ निंदा अभियान में लगातार शामिल हैं। इधर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला का कहना है, उनको इस तरह का नोटिस अभी नहीं मिला है। वे कांग्रेस के अनुशासित सिपाही हैं। अगर पत्र मिलेगा तो उसका तथ्यों के साथ जवाब देंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम पर भी अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं। तारिक अनवर की ओर से जारी नोटिस में उनपर भी दो बड़े आरोप लगाए गए हैं। पहला यह कि नेताम ने सर्व आदिवासी समाज नाम का संगठन बनाया है जो खुले रूप से कांग्रेस सरकार विरोधी कार्यक्रमों में शामिल है। दूसरा आरोप यह है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया। कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ नेताम ने सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी के लिए अभियान चलाया। आरोप यह भी है कि यह संगठन भाजपा से वित्तपोषित है। इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में कृषि राज्य मंत्री रह चुके अरविंद नेताम कभी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव यूपीए उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के मुकाबले में उतरे पीए संगमा का समर्थन करने की वजह से 2012 में कांग्रेस ने अरविंद नेताम को निष्कासित कर दिया था। 2018 में राहुल गांधी उन्हें कांग्रेस में लेकर आए।
खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है शिकायत कांग्रेस अनुशासन समिति की ओर से जारी नोटिस में ही साफ है कि चावला और नेताम के खिलाफ शिकायत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों यह शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तक पहुंचाई है। कांग्रेस अध्यक्ष से यह मामला अनुशासन समिति को सौंपा गया है। अब अनुशासन समिति ने दोनों नेताओं से जवाब मांगा है। जवाब के बाद पार्टी क्या फैसला करती है इस पर सभी की नजर है।
महाधिवेशन में तवज्जों की वजह से उठा मसला पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह मामला कांग्रेस महाधिवेशन में दोनों नेताओं को तवज्जा मिलने की वजह से उठा है। अमरजीत चावला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बेहद करीबी हैं। उनको महाधिवेशन के स्वागत समिति सहित चार समितियों में रखा गया है। वहीं अरविंद नेताम को काफी दिनों बाद महाधिवेशन की स्वागत समिति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली थी। आदिवासी मामलों को लेकर उनकी मुखरता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आई।