छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए मौजूदा 71 विधायकों में से 31 प्रतिशत विधायकों का टिकट काट दिया है। पार्टी की रणनीति के अनुसार 22 विधायकों को चुनावी मैदान से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है;
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए मौजूदा 71 विधायकों में से 31 प्रतिशत विधायकों का टिकट काट दिया है। कुल 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी की रणनीति के अनुसार 22 विधायकों को चुनावी मैदान से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है।
जिन विधायकों का टिकट कटा है, उनमें ज्यादातर के खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। क्षेत्र में उनकी सक्रियता भी कम थी। सत्ता व संगठन सर्वे में भी उनका फीडबैक अच्छा नहीं मिला था। इन्हीं सब के आधार पर पार्टी ने उन पर भरोसा नहीं जताया है।
इसे लेकर कुछ विधायकों में नाराजगी होने बात भी सामने आ रही है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि पार्टी और सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की सत्ता विरोधी लहर नहीं है। जिन विधायकों को टिकट नहीं मिला है, वे अब भी पूरे मन से पार्टी के साथ हैं। वहीं भाजपा ने कहा है कि हार के डर से कांग्रेस ने विधायकाें का टिकट काटा है।
टिकट वितरण पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह चुके हैं कि जिताऊ अभ्यर्थी को टिकट देने का फार्मूला ही चला है। जबकि उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि टिकट वितरण में चुनाव की कमेटियां फीडबैक को प्रमुख आधार बनाती है जैसा कि हर चुनाव में होता है।
कांग्रेस ने 90 विधानसभा की सभी सीटों पर टिकट घोषित कर दिया है। वहीं भाजपा ने अब तक 86 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा ने अपने मौजूदा 13 विधायकों में एकमात्र का ही टिकट काटा है।
टिकट कटने वालों ने कहा- निर्णय स्वीकार है
प्रतापपुर के विधायक व पूर्व मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने टिकट कटने पर कहा कि पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं। भविष्य में जो भी मेरे लिए आदेश होगा, उसका पालन करूंगा। खुज्जी विधायक छन्नी चंदू साहू ने कहा कि मेरे क्षेत्र की जनता का फीडबैक मेरे खिलाफ नहीं है। जहां तक टिकट कटने का मामला है यह तो पार्टी का निर्णय है और इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा।
कांकेर के विधायक शिशुपाल सोरी ने टिकट कटने के बाद कहा कि पार्टी ने मुझे पर पहले विश्वास जताया था और मैं जीतकर भी आया। मुझे आलाकमान का निर्णय स्वीकार है। जबकि पंडरिया की विधायक ममता चंद्राकर ने कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बेज ने कहा, प्रदेश में हर जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की स्वीकार्यता है। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों व कार्यकर्ताओं के स्तर सर्वे में फीडबैक का मामला था मगर प्रदेश में कोई भी सत्ता विरोधी लहर नहीं है। हम 75 सीटों पर जीतेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, भूपेश सरकार ने कोई काम नहीं किया। अपना ठीकरा कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों पर उनका टिकट काटकर फोड़ा है। प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर है। इसी डर के मारे विधायकों को टिकट काटा गया है।
किनका टिकट काटकर किसे बनाया प्रत्याशी
विधानसभा सीट टिकट कटा टिकट मिला
मनेंद्रगढ़ विनय जायसवाल रमेश सिंह
बिलाईगढ़ चंद्रदेव प्रसाद राय कविता प्राण लहरे
प्रतापपुर प्रेमसाय सिंह टेकाम राजकुमारी मरावी
रामानुजगंज बृहस्पत सिंह डा. अजय तिर्की
सामरी चिंतामणि महाराज विजय पैकरा
लैलूंगा चक्रधर प्रसाद सिदार विद्यावती सिदार
पाली तानाखार मोहित राम तुलेश्वरी सिदार
धरसींवा अनिता योगेंद्र शर्मा छाया वर्मा
रायपुर ग्रामीण सत्यनारायण शर्मा पंकज शर्मा
जगदलपुर रेखचंद जैन जतिन जायसवाल
नवागढ़ गुरु दयाल सिंह बंजारे गुरु रुद्रकुमार
पंडरिया ममता चंद्राकर नीलकंठ चंद्रवंशी
खुज्जी छन्नी चंदू साहू भोलाराम साहू
डोंगरगढ़ भुवनेश्वर बघेल हर्षिता बघेल
अंतागढ़ अनूप नाग रूपसिंह पोटाई
कांकेर शिशुपाल सोरी शंकर ध्रुव
दंतेवाड़ा देवती कर्मा छबिंद्र कर्मा
चित्रकोट राजमन बैंजाम दीपक बैज
महासमुंद विनोद सेवन चंद्राकर डा. रशमी चंद्राकर
सरायपाली किस्मतलाल नंद चातुरीनंद
सिहावा डा. लक्ष्मी ध्रुव अंबिका मरकाम
कसडोल शकुंतला साहू संदीप साहू