कोकीन, चरस, गांजा, अफीम… देश में कितना बड़ा तस्करी का जाल, ये आंकड़े उड़ा देंगे होश
नई दिल्ली: भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी बड़ी समस्या है। यह नेटवर्क कितना बड़ा है, इसकी बानगी सरकार की 2023-24 में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने 109 मामलों में 8223.61 किलो अवैध ड्रग्स जब्त की। इन ड्रग्स की कीमत लगभग 2,241.76 करोड़ रुपये थी। गांजा सबसे ज्यादा मात्रा में जब्त हुआ। जबकि मूल्य के लिहाज से कोकीन सबसे टॉप पर रही। अलग-अलग ड्रग्स की जानकारी और इस समस्या के संभावित कारणों और समाधानों पर चर्चा की गई है।
डीआरआई ने 2023-24 में बड़ी मात्रा में ड्रग्स जब्त की। कुल 109 मामलों में 8223.61 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई। इनकी बाजार कीमत लगभग 2,241.76 करोड़ रुपये आंकी गई। यह कार्रवाई ड्रग तस्करी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है। गांजा सबसे ज्यादा मात्रा में जब्त किया गया। इसकी कुल मात्रा 7348.68 किलो थी। हालांकि, कोकीन कम मात्रा में जब्त हुई, लेकिन इसकी कीमत सबसे ज्यादा लगभग 975 करोड़ रुपये थी। कोकीन एक महंगा और खतरनाक नशीला पदार्थ है।
मेफेड्रोन की जब्ती में पिछले सालों के मुकाबले काफी बढ़ोतरी देखी गई है। यह इस ड्रग की बढ़ती मांग को दर्शाता है। इसके अलावा, हेरोइन, केटामाइन, मेथामफेटामाइन, मेथाक्वालोन/मैंड्रैक्स, अल्प्राजोलम, मॉर्फिन, अफीम और हशीश/चरस भी जब्त की गईं। ड्रग तस्करी के कई कारण हो सकते हैं। भारत में ड्रग्स लाने के पीछे अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्कों के जिम्मेदार होने की आशंका है। युवाओं में ड्रग्स की बढ़ती मांग भी स्मगलिंग बढ़ने बड़ा कारण है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की कमजोरियां तस्करों के लिए ड्रग्स की तस्करी आसान बना देती हैं। भारत के कुछ इलाकों में अवैध ड्रग्स का उत्पादन भी हो सकता है।