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कोरबाक्राइमछत्तीसगढ़प्रशासनिक

वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहा था भ्रष्टाचार, पूर्व जिला पंचायत सीईओ को देने हर ट्रांजैक्शन पर ₹2लाख रुपये ,आपसी तालमेल नहीं बैठने से उजागर हुआ लगभग दो करोड़ का घोटाला, कोरबा कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश ..video

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कोरबा जिले के जनपद कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत राजगामार में भ्रष्टाचार कि ऐसी वानगी देखने को मिली है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है और इससे यह भी साबित हो रहा है कि किस तरह वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में पंचायतों में भ्रष्टाचार फल फूल रहा है

दरअसल ग्राम पंचायत राजगामार में पूर्व सरपंच पंच एवं वर्तमान सरपंच व पंचों के आपसी तालमेल नहीं बैठने की वजह से भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है

राजगामार पंचायत में लगभग 2 करोड का भ्रष्टाचार पुराने कार्यकाल के जांच की मांग हो सकते हैं और भी बड़े

जिसमें लगभग दो करोड़ के भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है जहां एक और वर्तमान सरपंच सचिव पर बिना प्रस्ताव के एक ही दिन में 25 लाख रुपए की राशि आहरण एवं मृतकों के नाम पर पेंशन निकालना एवं वन अधिकार पट्टा में गड़बड़ी की शिकायत जिला प्रशासन को की गई है तो वही पूर्व सरपंच पंच एवं पंचायत सचिव नीतू गुप्ता व सचिव कौशल सोनवानी के कार्यकाल में लगभग डेढ़ से 2 करोड रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप सरपंच एवं पंचों द्वारा लगाए गए हैं बताया जा रहा है कि सचिव नीतू गुप्ता के कार्यकाल में करोड़ों रुपए की राशि निकाली तो गई लेकिन उस राशि से निर्माण कार्य नहीं कराए गए तो वही सचिव कौशल सोनवानी के सचिव रहते चुनाव आचार संघिता के दौरान 43 लाख रुपए पूर्व सरपंच की डीएससी के माध्यम से निकाल लिए गए इसमें पूर्व पंच जितेंद्र राठौर की भी संलिप्तता बताई जा है वर्तमान सरपंच ने पूर्व सरपंच एवं सचिवों के कार्यकाल में लगभग डेढ़ से 2 करोड रुपयों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्यकाल के जांच की मांग जिला प्रशासन से की है वही राजगामार के पंच एवं सरपंच ने बताया कि पूर्व में की गई शिकायत मैं जांच नहीं करने एवं पंचायत फंड का पैसा निकालने के बाद उपसरपंच जितेन राठौर द्वारा जिला पंचायत सीईओ को देने के नाम पर हर ट्रांजैक्शन में ₹2- 2 लाख रुपए लिया जाता था
ग्राम पंचायत में इतने बड़े भ्रष्टाचार के मामले और चुनाव आचार संघिता के दौरान फर्जी ढंग से निकाले गए तिरालिस लाख रुपए सहित अन्य भ्रष्टाचार की जांच की मांग सम्बन्ध में स्थानीय विधायक ननकीराम कंवर ने भी जिला प्रशासन को कई बार जांच के लिए शिकायत सौंपी थी लेकिन तत्कालीन एवं पूर्व पदस्थ रहे जिला पंचायत सीईओ के द्वारा स्थानीय विधायक की

शिकायत को भी दरकरार कर भ्रष्टाचार को बढ़ने का मौका दिया गया जिसका नतीजा है कि आज लगभग 2 करोड का भ्रष्टाचार ग्राम वासियों ने ही उजागर किया है और जिला कलेक्टर संजीव झा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत सीईओ नूतन कवंर को गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं और मामले में जांच टीम द्वारा ग्राम वासियों के बयान लिए जा रहे हैं इतना है कि इस बार दोषियों पर कार्यवाही होती है या फिर उन्हें अभयदान देकर भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाएगा

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