कोरबा। कांग्रेस शासन काल में शिकायत पर हटाए गए विवादित सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी जे एस पैकरा पर भाजपा विधायक प्रेमचंद पटेल मेहरबान हैं। कटघोरा विधायक पटेल ने जे एस पैकरा को जिला पंचायत कोरबा में जिला अंकेक्षण कोरबा के पद पर पुनः पदस्थ किये जाने संबंधी पत्र डिप्टी सीएम विजय शर्मा को लिखा। खास बात तो यह है कि जे एस पैकरा को हटाने के दौरान उनके खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए थे। मगर जांच रिपोर्ट का क्या हुआ आज तक पता नहीं है। सत्ता बदलते ही अब एक बार पुनः उन्हें जिला पंचायत में पदस्थ किए जाने की मांग ने सियासत गरमा दी है।
कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने अपने पत्र में लिखा है कि जे. एस. पैकरा, सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी, जनपद पंचायत पाली के पद पर पदस्थ है। पूर्व में जे. एस. पैकरा के द्वारा जिला पंचायत कोरबा के पंचायत विभाग में जिला अंकेक्षक के पद पर वर्ष 2014 से 2022 तक सुचारू रूप से कार्य कर चुके हैं। उनका कार्य व्यवहार एवं कार्यशैली बहुत अच्छा है। पूर्व में कांग्रेस शासनकाल में षड्यंत्रपूर्वक अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए इनको हटाया गया था। चूंकि वर्तमान में जिला अंकेक्षक का पद वर्ष 2022 से रिक्त है।
विधायक ने जे. एस. पैकरा, सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी, जनपद पंचायत पाली के कार्यशैली एवं अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए जिला अंकेक्षक कोरबा के पद पर पुनः पदस्थ करने हेतु जिलाधीश कोरबा को निर्देशित करने का आग्रह डिप्टी सीएम से किया है। विवादित करारोपण अधिकारी की पुनः पदस्थापना को लेकर भाजपा विधायक ने उन्हें हटाने के पीछे षड्यंत्र बताया है। इसके बाद सियासत भी गरमा गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कांग्रेस भी खिलाफत के मूड में है। सोमवार को इस मामले में कांग्रेसी नेता कलेक्टर से शिकायत करेंगे।
विधायक की ओछी मानसिकता : सुरेंद्र प्रताप जायसवाल
जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल का इस मामले में कहना है कि जेएस पैकरा के खिलाफ पूर्व कलेक्टर ने एक पत्रकार और दो ब्लॉक की सचिव संघ के लोगों की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए उन्हें पद से हटाकर जांच के आदेश दिए थे। यह उनके प्रशासनिक कार्यवाही थी, लेकिन पूर्व की कांग्रेस सरकार पर दोषारोपण मढ़ना कदापि उचित नहीं है। यह विधायक की ओछी मानसिकता है।
जिले में वरिष्ठ अधिकारियों की कमी नहीं
एक तरफ विधायक विवादित करारोपण अधिकारी को पुनः पदस्थापित करने की मांग कर रहे हैं। इसके पीछे वह संबंधित अधिकारी के अनुभव की दलील दे रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि विवादित करारोपण अधिकारी जेएस पैकरा से भी कई अनुभवी अधिकारी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि उन वरिष्ठ अधिकारियों पर विवादित करारोपण अधिकारी को ही तरजीह क्यों दी जाए।