छत्तीसगढ़ में इस जिले में चुनाव का बहिष्कार किया गया है और यहाँ नेताओ की एंट्री पर रोक
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। लेकिन मतदान से पहले गरियाबंद में विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का मामला सामने आया है। दरअसल, यह मामला देवभाेग ब्लाक के परेवापली गांव का है। यहां के लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस गांव में वर्तमान 150 परिवार ही बचे हैं।
गरियाबंद जिले के अंतर्गत आने वाले देवभाेग ब्लाक के परेवापली के ग्रामीण 2008 से अपने गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने, पुल निर्माण और मरममत, स्कूल भवन, पेयजल, राशन दुकान जैसी मूलभूत मांग कर रहे हैं। वैसे तो ये भारतीय नागरिक का अधिकार है, लेकिन अपने इन्ही अधिकारों को लेकर पिछले 15 साल से जद्दोजहद कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने के चलते इस बार फिर चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। और नेताओं का प्रवेश निषेध का बैनर गांव में लगा दिया है।
सभी पार्टियों ने दिए सरकार में आने पर मांग पूरी करने के कोरे आश्वासन
मांग पूरी नहीं होने के चलते पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था। तब वर्तमान सरकार के नेताओं ने आश्वासन दिलाया था कि वे उनकी सरकार बना दें। सत्ता में आते ही उनकी समस्या का निदान करेंगे। मगर पिछले 10 सालों से मिल रहे आश्वासन और वादे पांच साल और बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हो पाए हैं।
गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने गांव को छोड़ना ही बेहतर समझा
कभी 200 परिवार वाले इस गांव में वर्तमान 150 परिवार ही बचे हैं। 50 परिवारों ने गांव छोड़ना ही बेहतर समझा। वर्तमान में गांव में जनसंख्या लगभग 8 सौ के करीब है। मूलभूत समस्याओं के निराकरण नहीं होने से और माननीयों की तरफ से मिल रहे कोरे आश्वाशन से नाराज ग्रामीणों ने अपनी पैतृक संपत्ति को छोड़ना ही बेहतर समझा। कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर बस गए हैं। और अपना नाम भी वोटर लिस्ट से कटवा लिया है।
शासन से लेकर प्रशासन तक लगाई सालों साल फरियाद पर किसी ने पूरी नहीं की मांग
आजादी के सात दशक बाद भी परेवापाली के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है। सड़क मार्ग नहीं बन पाने के कारण कन्हार मिट्टी के चलते आने जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बारिश में हालत ऐसे हो जाते हैं कि किसी महिला की डिलीवरी करवाने ले जाना हो तो खाट पर उठाकर एंबुलेश तक उसे छोड़ने जाना पड़ता है। गांव की सड़कों का हाल देखकर कई बार ग्रामीण दूसरे गांव पर किराए का मकान लेकर डिलीवरी तक रुकते हैं।
एसडीएम बोली- समस्याओं का हो चुका है निदान, मतदाता अभियान चला ग्रामीणों को करेंगे प्रेरित
ग्रामीणों की समस्याओं पर एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा( ज्यादातर मांगे पूरी हो चुकी है। कुछ समस्या है उसका समाधान जल्द कर दिया जाएगा। पेयजल को लेकर समस्या बनी हुई है। उसका कार्य जारी जारी है। ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे चुनाव बहिष्कार को लेकर उन्हें समझाया जाएगा। प्रशासन द्वारा जल्द यहां मतदाता अभियान चलाकर ग्रामीणों को समझाइश दी जाएगी।