Netagiri.in—-कोरबा। जिला पंचायत कोरबा के कार्यालय उपसंचालक पंचायत में अटैचमेंट का खेल,खेला जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश को उप संचालक द्वारा धता बताते हुए खुला उल्लंघन किया जा रहा है। वर्षों से डाटा एंट्री आपरेटर को जिला पंचायत के कार्यालय उपसंचालक पंचायत में अटैच कर रखा गया है। ऐसा भी नहीं है कि उप संचालक पंचायत में स्टाफ की कमी है। उप संचालक ने निजी स्वार्थ को लेकर पर्याप्त स्टाफ के बाद भी ग्राम पंचायत सचिव को डाटा एंट्री आपरेटर बनाकर अटैच कर रखा गया है। शायद उप संचालक पर कलेक्टर के निर्देश का भी कोई असर नहीं है। जिला पंचायत के कार्यालय उप संचालक पंचायत में पोड़ी उपरोड़ा के डाटा एंट्री आपरेटर मोहम्मद मेंहदी हसन को वर्षों से अटैच कर रखा गया है। जिसके द्वारा मनमाने ढंग से कार्य किया जाता है। बताया जाता है कि पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत के सचिवों का लंबित वेतन का भुगतान करने के लिए फाइल को पुटअप किया गया है। जबकि तीन अन्य ब्लॉक का भी लंबित वेतन का पेय डाटा पूर्व में जमा किया जा चुका है। सूत्र बताते है कि तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ द्वारा मोहम्मद हसन को हटाया जाना था। इस बीच उनका तबादला हो जाने से मोहम्मद हसन का अटैच मेंट बना हुआ है। पोड़ी उपरोड़ा मे कई ऐसे पंचायत है। जहां ग्राम पंचायत के कार्यों के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है। इसके बाद भी मोहम्मद मेंहदीं हसन का अटैचमेंट बना हुआ है। मजे की बात तो यह है कि मोहम्मद मेंहदी हसन जिला पंचायत कोरबा के उप संचालक पंचायत कोरबा में अटैच है और ऑपरेटर का काम कर रहा है, जबकि जिला पंचायत कोरबा उपसंचालक पंचायत कोरबा में पहले से ऑपरेटर और बाबू पदस्थ है। फिर भी उप संचालक पंचायत में सचिव मोहम्मद मेहंदी हसन को जानबूझकर अटैच करके रखा गया है। जबकि कलेक्टर अजीत वसंत और जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि सचिव ग्राम पंचायत में काम करेंगे, इसके लिए वे टीएल बैठक में उप संचालक पंचायत कोरबा को निर्देश दे चुके हैं। जानकारों की माने तो कलेक्टर के निर्देश को दरकिनार करते हुए उपसंचालक पंचायत कोरबा द्वारा मोहम्मद मेहंदी हसन से अपने निजी स्वार्थ के लिए काम लिया जा रहा है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह कलेक्टर के निर्देश का खुला उल्लंघन है?