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कोयला खदान के नाम पर हरे भरे जंगलों की कटाई जन जीवों से लेकर मानव भी हुआ विचलित हो रहे भावुक

: छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के उदयपुर इलाके में कोयला खदान के नाम पर हसदेव अरण्य (Hasdeo Aranya) के जंगलों की बेतहाशा कटाई की जा रही है. मंगलवार को सैकड़ों पुलिस बल की मौजूदगी में हजारों पेड़ काट दिए गए. उदयपुर वन परिक्षेत्र में पेंड्रामार, घाटबर्रा जंगल जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. किसी को जंगल के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है और अंदर पेट्रोल से चलने वाली इलेक्ट्रिक आरा मशीन से पेड़ो को लगातार काटा जा रहा है.

अब तक 43 हेक्टेयर के 8000 पेड़ काटे जा चुके हैं. कल तक हरे भरे विशालकाय पेड़ व जंगल आ रहे नजर आ रहे थे, वह अब ठूंठ में तब्दील हो गए हैं और जंगल अब वीरान हो गया है. यह दृश्य देख स्थानीय ग्रामीणों की हरे-भरे जंगलों की गोद में जाकर सुकून सा महसूस करते थे जंगलों की अंधाधुंध कटाई देखकर भावुक हो रहे हैं और यही कह रहे हैं कि काले कोयले के कलंक ने हमारे हरियाली पर कब्जा कर लिया है

इसके अलावा प्रशासन ने हरिहरपुर, फतेहपुर, घाटबर्रा, परसा, साल्ही आदि गांव में भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. क्योंकि यहां के ग्रामीण लंबे समय से कोल खदान के लिए जंगल में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं. वह जंगल में पेड़ों को बचाने के लिए इससे पहले कैंप लगाकर रह रहे थे. कुछ दिनों तक पेड़ कटाई का मामला शांत रहने के बाद मंगलवार को अचानक कलेक्टर, एसपी तथा जिले के अन्य वरीष्ठ अधिकारी खदान से लेकर स्थानीय विश्रामगृह तक पेड़ों को कटवाने सक्रिय नजर आए. इस दौरान हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के लोगों को हिरासत में ले लिया गया था. वहीं खदान का विरोध करने वाले कई लोगों को हिरासत में लेकर थाने में बिठा दिया गया. वर्तमान में 43 हेक्टेयर जंगल के पेड़ काटे जा चुके हैं.

उदयपुर इलाके में कोल खदान के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में आज ग्रामीणों के समर्थन में सरगुजा भारतीय जनता पार्टी जंगल में पहुंची. यहां उन्हें जंगल के अंदर घुसने से रोक दिया गया है क्योंकि वहां 4000 से ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. सभी को आदेश दिया गया है कि जंगल के अंदर किसी को घुसने नहीं दिया जाना है. वहीं जंगल के अंदर घुसने नहीं दिए जाने पर सरगुजा बीजेपी के प्रतिनिधियों ने विरोध जताया और जंगल के अंदर हो रही पेड़ कटाई को लेकर कई सवाल उठाए हैं. बीजेपी ने कहा कि अंदर कितने पेड़ों की कटाई हो रही है, उसकी वस्तुस्थिति का किसी को पता नहीं है. बीजेपी ने कहा कि यदि उन्हें जंगल के अंदर नहीं घुसने दिया जाता है तो कल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आवास के घेराव किया जाएगा.

कांग्रेस ने जारी किया प्रेस नोट

इधर कांग्रेस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में 2011 में बीजेपी की रमन सिंह सरकार द्वारा स्वीकृत परसा ईस्ट केते बासेन खदान के लिए 43 हेक्टेयर में वनों की कटाई का काम किया जा रहा है. कांग्रेस की सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए यहां खुलने वाली शेष तीन खदानों के लिए वन काटने की अनुमति निरस्त कर दी है. नई खदान न खुलने से हसदेव अरण्य क्षेत्र के बीस लाख से ज्यादा वृक्षों को बचाया जा सकेगा. बीजेपी का विरोध केवल दिखावा है, पुरानी खदान PEKB, रोकने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

कांग्रेस ने प्रेस नोट में आगे बताया है कि परसा ईस्ट केते बासेन के पेड़ों की कटाई को लेकर प्रशासनिक चूक से भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है. ग्रामीणों की सहमति और पूर्व की अनुमति के आधार पर सिर्फ 42 एकड़ में वनों की कटाई की जा रही है. प्रशासन को प्रभावित वन क्षेत्र को स्पष्ट चिन्हांकित कर आमजनों को भरोसे में लेकर दिन के उजाले में कार्यवाही करनी चाहिए थी.

एसडीएम ने दी ये जानकारी

अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि ग्रामीणों को बताया गया है कि अभी जो पेड़ काटे गए हैं वो परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना से संबंधित है. जिसके लिए पहले से ही सभी प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त हैं. केंद्र सरकार की स्वीकृति प्राप्त है, राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त है. उसके पश्चात जिले स्तर से वन मंडलाधिकारी ने 43 हेक्टेयर वन काटने का आदेश किया था और उसी के तहत सभी नियमों का पालन करते हुए पेड़ कटाई की गई है. अभी पेड़ कटाई का 43 हेक्टेयर का काम पूरा हो गया है. अब उसको छोटे छोटे लॉक्स बनाकर व्यवस्थित करने का काम है वो हो रहा है.

सरगुजा बीजेपी जिला अध्यक्ष ने लगाए आरोप

सरगुजा बीजेपी जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने बताया कि हम यहां प्रदर्शन करने इसलिए आए हैं कि 4000 पुलिस फोर्स और प्रशासन के सहयोग से और सीएम भूपेश बघेल सरकार के सहयोग से बलपूर्वक ग्रामीणों को दबाव बनाकर 43 हेक्टेयर भूमि की बात कह रहे हैं. वह कितने में काट रहे मालूम नहीं है. 43 हेक्टेयर भूमि में बलपूर्वक पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, किसी को जाने नहीं दे रहे हैं. अगर जंगल के अंदर नहीं जाने दिया जाता है तो स्वास्थ्य मंत्री के आवास का घेराव करने की चेतावनी दी है. ललन प्रताप सिंह ने आगे बताया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पूर्व में कहा था कि एक भी डंगाल कटेगी तो पहली गोली मैं खाऊंगा.

बीजेपी प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने कहा कि जंगल में भूपेश बघेल सरकार के पुलिस का पहरा है. 4000 पुलिसकर्मी जंगल के और गांव के चप्पे चप्पे में तैनात हैं. अभी तक प्रशासन ने खुद घोषणा की कि 10000 पेड़ कट चुके हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के पांच सितारा होटल में पर्यावरण पर भाषण दे रहे थे और पेड़ों के महत्त्व के बारे में प्रकाश डाला रहे थे. उसी समय सरगुजा क्षेत्र में हजारों पेड़ की बलि दी जा रही थी. जिनके कथनी और करनी में इतना अंतर हो. यहां के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव बोल रहे थे पहली गोली मैं खाऊंगा, और उसके जवाब में भूपेश बघेल बोल रहे थे गोली चलाने की जरूरत नहीं है. टीएस सिंहदेव चाहेंगे तो पेड़ क्या, डंगाल भी नहीं कटेगी.

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