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कोरबाछत्तीसगढ़देशप्रशासनिकबिलासपुर

एशिया के सबसे बड़ी कोयला खदान के विस्तार हेतु जनसुनवाई में ग्रामीणों का आक्रोश, विरोध के साथ करते नजर आए नारेबाजी, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने गैर मौजूदगी दिखाकर दे दी खदान विस्तार को मौन स्वीकृति

कोरबा जिले में आज प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कोयला खदानों के विस्तार हेतु पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने जनसुनवाई का आयोजन किया गया
जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों भूविस्थापित एवं विभिन्न संगठनों ने इस जनसुनवाई का विरोध करते हुए रैली और निकाली एसईसीएल के खिलाफ नारेबाजी करते रहे

गौरतलब है कि गेवरा ओपन कास्ट कोयला खदान परियोजना की क्षमता 49 मिलियन टन वार्षिक से बढ़ाकर 70 मिलियन टन किया जा रहा है जिसके कारण इस परियोजना का रकबा 41 84 . 486 हेक्टेयर से बढ़ाकर 47 81 . 798 किया जाना प्रस्तावित है और जिसकी पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के उद्देश्य से यह जनसुनवाई आयोजित की गई इस जनसुनवाई का विरोध करते हुए भू विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि यह जनसुनवाई वास्तविक तथ्यों को छुपाकर गलत आंकड़े पेश कर तथा आमजन को गुमराह करते हुए की जा रही है पूर्व में भी एसईसीएल द्वारा किसानों की जमीन खदान खोलने के लिए अधिग्रहित की गई थी लेकिन 40 साल बीत जाने के बाद भी भू विस्थापित रोजगार आहट के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अपने अधिकारों को पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं
वही इतनी बड़ी जनसुनवाई में स्थानीय विधायक , सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधि नदारद रहे जिन्हें वास्तव में इन विस्थापितों ग्रामीणों की अगुवाई कर कर उन्हें न्याय दिलाने आगे आना चाहिए था या यूं समझा जाए कि उनकी गैर-मौजूदगी शायद उनकी खदान विस्तार को लेकर मौन स्वीकृति है

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