नन्हे मुन्ने बच्चों के नाम पर भी डकार गये कई करोड़ों,लूट के लिए प्रमुख विभागों को बनाया गया जरियाआकांक्षी जिला कोरबा में आंगनबाड़ी केंद्रों को डेढ़ साल पहले डीएमएफ से 32 करोड़ की सामाग्री बांटे ,केंद्रों को सक्षम बनाने के नाम पर पुनः उसी स्तर के 7 करोड़ की सामाग्री खरीद डाले ,क्या साय सरकार लेगी सुध ! देखें फर्मवार खरीदे गए सामान ,भुगतान ……
कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में आंगनबाड़ी केंद्रों को संवारने के नाम पर कांग्रेस शासनकाल में शासकीय फंड का जमकर बंदरबाट किया गया। डेढ़ साल पहले डीएमएफ से 2271 आंगनबाड़ी केंद्रों में 32 करोड़ रुपए की सामग्री आपूर्ति करने के बाद विधानसभा चुनाव से पूर्व 700 आंगनबाड़ी केंद्रों को सँवारने के नाम पर पुनः समान स्तर के कार्यों के लिए संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग ने 2 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया गया है। जिसकी गुणवत्ता एवं उपयोगिता पर लगातार सवाल उठ रहे। सत्ता परिवर्तन के बाद साय सरकार की कार्रवाई पर लोगों की निगाहें टिकी है।
यहां बताना होगा कि कांग्रेस शासनकाल में आकांक्षी जिला कोरबा में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2271 आंगनबाड़ी केंद्रों में
अध्ययनरत बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 1 करोड़ 93 लाख 64 हजार 800 रूपए की लागत से पुस्तक व अन्य एजुकेशनल सेट प्रदाय किया गया था। 2300 आंगनबाड़ी केंद्रों में 15 करोड़ 68 लाख 18 हजार की लागत से नवजात शिशु एवं गर्भवती महिलाओं के उत्थान हेतु महतारी किट प्रदाय किया गया था। 5 करोड़ 41 लाख 8 हजार रुपए की लागत से आंगनबाड़ी केंद्रों में सूखा राशन व्यस्थित रखने हेतु मॉड्यूलर रैक एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में 2 करोड़ 77 लाख 4 हजार की लागत से आंगनबाड़ी केंद्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु आरओ प्लस यूवी वाटर प्यूरीफायर प्रदाय किया गया था। करीब 7 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से अलमीरा,बुक सेल्फ प्रदान किया गया था। इस तरह कुल 32 करोड़ रुपए से अधिक की सामाग्री आपूर्ति की गई थी। लेकिन प्रदेश के दस आकांक्षी जिलों में शामिल कोरबा के भी आंगनबाड़ी केंद्रों को चरणबद्ध रूप से सक्षम बनाने कोरबा के चयनित 700 आंगनबाड़ी केंद्रों में पुनः करोड़ों के प्री स्कूल किट , फर्नीचर ,सिलिंग पंखा एवं रेगुलेटर ,एस .एस.कंटेनर ,एलईडी, अलमीरा एवं पेटी प्रदाय किया गया है। जिसके लिए अभी तक कोरबा जिले को ही
प्री स्कूल किट , फर्नीचर ,ब्लैक राइटिंग बोर्ड ,सिलिंग पंखा एवं रेगुलेटर ,एस .एस.कंटेनर के लिए फर्म मेसर्स बाबूलाल जायसवाल एंड कार्पोरेशन, मे. शर्मा स्टील इंडस्ट्रीज, संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग ने
2 करोड़ 32 लाख 85 हजार 599 रूपए भुगतान हो चुका है । जबकि एलईडी ,अलमीरा ,पेटी का भुगतान भी 3 करोड़ रुपए से अधिक किया जाना है। इस तरह देखें तो करीब 7 करोड़ रुपए का भुगतान कोरबा जिले के केंद्रों को सक्षम बनाने किया जा रहा है। गौरलतब हो कि प्री स्कूल किट ,फर्नीचर,अलमीरा डीएमएफ से डेढ़ साल पहले ही सभी केंद्रों को प्रदाय करने के बावजूद पुनः करोड़ों के वही सामाग्री विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रों के लिए आपूर्ति कर पूर्ववर्ती सरकार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शासकीय राशि का जमकर बंदरबाट किया। खासकर अविद्युतीकृत केंद्रों में भी करोड़ों के एलईडी प्रदाय किए गए हैं। जिसको लेकर विभाग की मंशा सवालों के कटघरे में है। अनुपयोगी सामाग्रियों की खरीदी कर शासकीय राशि का बंदरबाट करने की बजाय 39 करोड़ की राशि से कोरबा जिले के 936 शौचालयविहीन आंगनबाड़ी ,2105 विद्युतविहीन आंगनबाड़ी ,888 भवनविहीन एवं 989 पेयजल सुविधाविहीन केंद्र संवारे जा सकते थे।
बहरहाल मामले की शिकायत प्रदेश की मुखिया तक पहुंच चुकी है ,लिहाजा यह देखना दिलचस्प होगा कि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का वादा कर सत्ता में आई साय सरकार करोड़ों की शासकीय राशि के बंदरबाट के मामले में सुध लेगी या फिर मामला गुजरते समय के साथ ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।