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कोरबाक्राइमछत्तीसगढ़

सऊदी से आया मेरा यार, यार पर कत्ते से किये वार,17 टुकड़े कर डेम में किया पार…. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हनी ट्रैप और हाई प्रोफाइल मर्डर की कहानी पुलिस ने किया खुलासा

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Netagiri.in—कोरबा। दो दिन पहले कोरबा के पाली थाना क्षेत्र में एक युवक का शव कई टुकड़ों में मिलने के बाद जांच में जुटी पुलिस के लिए इस मामले को सुलझाना चुनौती बन गया था। मृतक मो. वसीम अंसारी के परिजनों का कहना था कि वह तो काम करने के लिए सऊदी गया था। कोरबा में उसकी लाश का मिलना उनकी समझ में ही नहीं आ रहा था। इस गुत्थी को पुलिस ने सुलझाते हुए बताया कि नाबालिग लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस युवक की हत्या कर दी और इसके बाद शव को टुकड़ों में काट कर डेम में फेंक दिया था।

 


इस तरह हुई मृतक की पहचान

 

दरअसल पुलिस को गोपालपुर चौकी चैतमा के डेम से बोरी में कटे हुये कई टुकड़ो में शव मिला जिसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर पहचान छिपाने के उद्देश्य से शव को किसी धारदार हथियार से टुकड़ों-टुकड़ों में काट कर डेम में फेंक दिया गया था। सूचना पर थाना पाली में मार्ग कायम कर जांच शुरू की गई।

पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर अधिकारियों की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर कार्यवाही पंचनामा की गई। मृतक का शव दो बोरियों के साथ-साथ एक पिठठूनुमा बैग में गोपालपुर डेम से बरामद किया गया। शव के टुकड़ो के साथ मिले आधार कार्ड, पासपोर्ड एवं फ्लाईट टिकिट के आधार पर मृतक की पहचान मोहम्म्द वसीम अंसारी पिता मो. जमीर अंसारी उम्र लगभग 26 साल निवासी कांतातोला, रांची झारखण्ड के रूप में हुई।

 

इस बीच मृतक के परिजन गुरुवार को रांची से कोरबा पहुंचे और शव की पहचान की। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटा था। मृतक के बड़े भाई मोहम्मद तहसीन ने बताया कि वे मूलतः रांची के रहने वाले हैं, दो भाई और एक बहन है। जिसमें मृतक मोहम्मद वसीम अंसारी सबसे छोटा था। ढाई साल पहले निजी कंपनी में काम करने सऊदी अरब गया हुआ था। फोन पर ही उससे 10 दिन 15 दिन में परिजनों से बातचीत होती थी। सऊदी अरब से छत्तीसगढ़ कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी नहीं है, उन्हें थाना से फोन आया तब घटनाक्रम की जानकारी हुई।

नाबालिग लड़की से इंस्टाग्राम में हुआ प्यार…
मृतक वसीम के जुड़े पहलुओं की जांच पर यह तथ्य उजागर हुआ कि वसीम की सोशल मिडिया के माध्यम से ग्राम बांसटाल, चैतमा थाना पाली की एक अवयस्क बालिका से परिचय हुआ था, और दोनों एक-दूसरे से वीडियो चैटिंग भी करते रहते थे। इंस्टाग्राम के जरिये ही दोनों के बीच प्रगाढ़ संबंध बन गए थे।

पुलिस ने लड़की के परिजनों से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि वह और चैतमा के ही रजा खान पिता अब्दुल सत्तार खान उर्फ बादशाह उम्र-20 वर्ष निवासी-बांसटाल एक-दूसरे को चाहते थे। लड़की नाबालिग थी बावजूद इसके वह और रजा खान एक साथ पति-पत्नी की तरह रहने लगे। हालांकि इसकी जानकारी मो. वसीम को नहीं थी और लड़की उसी के साथ प्रेम होना दर्शाती थी।

लड़की के मामा के घर पर पकड़े गए दोनों’
पुलिस ने जब लड़की और रजा खान के बारे में जानकारी चाही तब पता चला कि दोनों राउरकेला में लड़की के मामा के घर गए हुए हैं। पुलिस की टीम ने दोनों को राउरकेला जाकर पकड़ा और पाली लाकर पूछताछ की।

रूपये के लालच में कर दी हत्या
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसे मो. वसीम ने बताया कि वह इण्डिया लौट रहा है, तब उसने रजा खान को मो. वसीम के सउदी अरब से वापस आने की जानकारी बताई गई, जिस पर यह सोचकर कि विदेश से आ रहा है तो काफी रूपये पैसे लेकर आ रहा होगा। यह सोचकर दोनों ने षड्यंत्र रच डाला। लड़की ने वसीम को अपने गांव आने को कहा और वसीम तैयार भी हो गया।

भारत लौटकर मो. वसीम अंसारी 01 जुलाई को फ्लाईट से दिल्ली और दिल्ली से रांची और 02 जुलाई को ट्रेन से बिलासपुर आया। इस दौरान रजा खान द्वारा किराये पर उपलब्ध कराये गये बोलेरो वाहन में प्रेमिका बिलासपुर गई और वसीम को लेकर आरोपी रजा खान के घर आ गई। प्लानिंग के अनुसार रात्रि करीब 11ः00 बजे आरोपी रजा खान की प्रेमिका और मो. वसीम बाते कर रहे थे कि रजा खान ने पीछे से एक लोहे का कत्ता (मुर्गी काटने वाले) से वसीम अंसारी के गर्दन में पीछे से वारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

 


एकाएक हुए हमले से वसीम तड़पने लगा, इस दौरान प्रेमिका वसीम का पैर पकड़े थी और रजा खान ने ताबड़तोड़ वारकर सिर को धड़ से अलग कर दिया, फिर दोनों ने मिलकर वसीम के हाथ पैर धड़ को टुकड़े-टुकड़े में कत्ता एवं आरी ब्लेड से काटकर अलग-अलग तीन प्लास्टिक बोरी, पिठठू बैग एवं एक ट्रॉली बैग में ईट डालकर, बांधकर बांगो डेम में फेंक दिया।

 

सबेरा हो जाने पर शव के शेष बचे हिस्सों को घर में छिपाकर रखा, जिसे 03 जुलाई की रात्रि लगभग 11ः00 बजे स्प्लेंडर मोटर साईकिल से गोपालपुर डेम में फेंक कर घर वापस आ गये। मृतक वसीम द्वारा पहनी हुई सोने की चैन और अन्य सामान घर में छिपा दिया।

अपने खातों में ट्रांसफर किये लाखों रूपये
हत्या की इस वारदात के बाद दोनों राउरकेला भाग गए। चूंकि प्रेमिका को मृतक के मोबाईल का पासवर्ड पता था इसलिए उसने वसीम के मोबाईल के यूपीआई आईडी को चेक किया तब पता चला कि वसीम के खाते में 03 लाख रूपये थे जिसे अपने और प्रेमी रजा खान के खाते में ट्रांसफर करने के बाद रजा ने प्रेमिका के लिए ज्वेलरी तथा अपने लिए मोबाईल व किराये बोलेरो का पेमेंट कर दिया। पुलिस ने राउरकेला में आरोपी रजा खान पिता अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार किया और ट्राजिट रिमाण्ड पर उसकी प्रेमिका के साथ लेकर छत्तीसगढ़ पहुंची।

पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल किये गए कत्ता, मोटर सायकल एवं मृतक का मोबाईल जब्त किया। आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर प्रकरण की सहअभियुक्ता विधि से संघर्षरत बालिका की सामाजिक प्रस्थिति फार्म भरवाकर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

प्रेमिका के ऊपर 8 लाख रूपये खर्च कर दिए
मृतक मो. वसीम के खातों से हुए ट्रांजेक्शन की जांच में पता चला कि उसने इंस्टा के जरिये जिस नाबालिग लड़की से प्रेम किया उस पर किश्तों में उसने 8 लाख रूपये खर्च कर दिए। बताया जाता है कि लड़की उससे रूपये मांगती और वह ऑनलाइन रकम भेज देता।

पता यह भी चला है कि दोनों अश्लील वीडियो चैट भी करते थे और इसी दौरान स्क्रीन शॉट बना लिया गया। बताया जा रहा है कि ऐसा करके वसीम को ब्लैकमेल कर रूपये वसूले जाने लगे। आखिरकार उसे बहाने से प्रेमिका ने अपने घर बुला लिया और रूपये लूटने की चाह में उसकी हत्या कर दी।

बताया जाता है कि जिस घर पर हत्या की वारदात हुई वह पुलिस चौकी के पास ही है और आरोपी युवक का परिवार नशा बेचने का काम करता है। इस परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि भी बताई जा रही है। जिस निर्ममता से घर पर ही वसीम की हत्या की गई और टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया, उससे तो ऐसा ही नजर आ रहा है।

बहरहाल इस पूरी कार्यवाही नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र कुमार मीना के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पाली निरीक्षक चमन लाल सिन्हा, चौकी प्रभारी चैतमा चन्द्रपाल खाण्डे, विमलेश भगत, ASI पुरसोत्तम उइके, आरक्षक अनिल कुर्रे, आशीष साहू तथा सायबर टीम के प्रआर राजेश कंवर, चन्द्रशेखर पाण्डेय, आर. रवि चौबे, डेमन ओग्रे, बिरकेश्वर प्रताप सिंह, आलोक टोप्पो, सुशील यादव, मआर. सुशमा डहरिया एवं थाना पाली/चौकी चैतमा के कर्मचारियों की भूमिका सराहनीय रही।

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