Netagiri.in—जिला कलेक्टर कोरबा को सौंप गए अविश्वास प्रस्ताव में उल्लेखित है कि शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं, कोरबा के महापौर कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं, उनको जनता के सुख-दुख से कोई मतलब नहीं है, नगर निगम क्षेत्र की जनता को महापौर के ऊपर अब विश्वास नही रहा। जिसके कारण निम्नलिखित है-
1) कोरवा शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पडे हुए हैं।
2) महापौर कभी भी निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते है ।
3) सड़को के निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल वाला है।
4) महापौर के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला लंबित है। 5) नई स्ट्रीट लाइट नहीं आ रही है, जो पुरानी खराब लाइटें हैं वह भी खराब पड़ी, कई महीनों से एवं बनाई नहीं जा रही है।
6) पार्षद निधि 10 लाख रुपये की घोषणा की गई थी किन्तु आज तक केवल 7 लाख तक के ही प्रस्ताव लिए जा रहे हैं।
7) नल जल योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करना था लेकिन लोगो को 30 मिनट पानी भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है, केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुके है।
8) सड़कों पर आवारा पशु बैठे रहते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं आवारा
पशुओं से संबंधित योजनाएँ सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही है।