netagiri .in कोरबा। 4 फरवरी को संपन्न हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के धान खरीदी अभियान में कोरबा जिले ने लगातार बारहवें साल कीर्तिमान रच दिया । कलेक्टर अजीत वसंत के नेतृत्व में शासन को शत प्रतिशत धान का परिदान कर दिया । 65 उपार्जन केंद्रों के पंजीकृत 43 हजार 412 किसानों से रिकार्ड 28 लाख 67 हजार 331 क्विंटल (समर्थन मूल्य पर 625 करोड़ 93 लाख 84 हजार 882 रुपए का )धान खरीदकर लौटाने वाले 41 समितियों को
कमीशन एवं प्रोत्साहन राशि के तौर पर 10 करोड़ 60 लाख 91 हजार 247 रुपए का भुगतान होगा।
यहाँ बताना होगा कि प्रदेश में में इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2023 -24 में 1 दिसंबर से 4 फरवरी तक समर्थन मूल्य के आधार पर धान खरीदी की गई । जिले में इस साल लाख 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था।
तय मियाद में 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से पंजीकृत 43 हजार 412 किसानों से रिकार्ड 28 लाख 67 हजार 331 क्विंटल (समर्थन मूल्य पर 625 करोड़ 93 लाख 84 हजार 882 रुपए के )
धान की आवक हुई थी । किसानों को धान के भुगतान योग्य राशि उनके बैंक खातों में भुगतान कर दिया गया है।
समर्थन मूल्य पर खरीदे गए सवा 6 सौ करोड़ रुपए के धान की सुरक्षित रखरखाव एवं समय पर शत प्रतिशत उठाव की चुनौती थी। कलेक्टर श्रीमती अजीत वसंत के कुशल नेतृत्व में कोरबा जिले ने इस कार्यदायित्व का बखूबी पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया। लगातार बिगड़ते मौसम बेमौसम बारिश एवं संग्रहण केंद्र के अभाव में करोड़ों के धान का सुरक्षित रखरखाव कतई आसान नहीं था, लेकिन कलेक्टर अजीत वसंत के नेतृत्व में जिला प्रशासन एवं धान खरीदी अभियान से जुड़े तमाम विभागों मार्कफेड, खाद्य विभाग ,नागरिक आपूर्ति निगम ,आदिवासी सेवा सहकारी समिति,उप पंजीयक सहकारी संस्थाएंपूरी संजीदगी से कार्य किया । कलेक्टर श्री वसंत ने संबंधित विभागों से लगातार कस्टम मिलिंग के लिए जारी डीओ एवं उठाव की जानकारी लेते रहे जिन जिन उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान के स्टॉक की जाम होने की नौबत आती रही वहां प्राथमिकता के साथ धान के उठाव का निर्देश देती रहे। यही नहीं समय-समय पर कलेक्टर ने लापरवाह राइस मिलरों को फटकार भी लगाया , निर्देश पर मार्कफेड ने लाखों का अर्थदंड भी लगाया। उठाव पर शाबाशी भी दी । जिसकी बदौलत लगातार बारहवें साल कोरबा जिला शत प्रतिशत धान लौटा कर जीरी शार्टेज धान देने के कीर्तिमान को बरकरार रखने में सफल रहा।
बढ़ाया मान ,समितियों को 10 करोड़ 60 लाख 91 हजार 247 रुपए का होगा भुगतान
गौरतलब हो कि आदिवासी सेवा सहकारी समितियों को प्रति क्विंटल धान खरीदी पर राज्य शासन 32 रुपए कमीशन की दर से भुगतान करती है। वहीं जीरो शार्टेज (शत प्रतिशत धान का परिदान )करने पर प्रति क्विंटल 4 रुपए की दर से इन्सेंटिव्ह (प्रोत्साहन राशि)प्रदान करती है। जिले में वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में कुल 28 लाख 67 हजार 331 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 625 करोड़ 93 लाख 84 हजार 882 रुपए के धान की खरीदी हुई थी। जिसके एवज में समितियों को 9 करोड़ 17 लाख 54 हजार 592 रुपए
का कमीशन भुगतान होगा। इसी तरह जीरो शार्टेज के लिए 1 करोड़ 43 लाख 36 हजार 655 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस तरह समितियों को कुल कमीशन एवं प्रोत्साहन राशि के तौर पर करोड़ 12 लाख 85 हजार 392 रुपए का भुगतान होगा।समिति के आय का सबसे बड़ा जरिया धान खरीदी ही होता है। इसी कार्य से मिलने
मिलने वाली राशि से कर्मचारियों के वेतन भुगतान से लेकर समितियों के समस्त व्यय का भुगतान किया जाता है।
संकट में पड़ गई थीं समितियां ,खरीदी के 45 दिन बाद हो सका उठाव
खरीफ वर्ष 2023 -24 में ‘मोदी की गारंटी’ पर मोहर लगते ही जिले में न केवल धान बेचने वाले किसानों की संख्या 4 हजार 418 ( 10.17 फीसदी) बढ़ गई ,वरन 7 लाख 38 हजार 80.2 क्विंटल ( 25 .74 फीसदी ) अधिक धान की आवक हुई है । इस साल जिला रिकार्ड 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य को भी जिला लांघ गया । जिले में लक्ष्य से 2 लाख 97 हजार 331 क्विंटल ( 10.36 फीसदी )अधिक धान की आवक हुई थी। लेकिन धान खरीदी के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य धान के उठाव को लेकर इस बार मार्कफेड की लचर परिवहन व्यवस्था ने सहकारी समितियों को इस साल संकट में डाल दिया था । अमूमन 15 फरवरी तक पिछले 11 सालों से शत प्रतिशत धान का उठाव कर लिया जाता रहा है ,जिससे कोरबा जिला लगातार 11 साल से शत प्रतिशत धान का परिदान कर कीर्तिमान रचते आ रहा था ,लेकिन इस साल बारहवें वर्ष यह कीर्तिमान कोरबा से छीन सकता था ।जिले में कुल खरीदे गए धान में से 29 फरवरी की स्थिति में 65 में से 57 सहकारी समितियों में अभी भी 1 लाख 6 हजार 648 .40 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 23 करोड़ 28 लाख 13 हजार 457.2 रुपए का धान जाम पड़ा था। कलेक्टर श्री वसंत के फटकार के बाद मार्कफेड एक्शन में आया और शेष धान का शत प्रतिशत डीओ जारी कर धान का प्राथथमिकता से उठाव करवाया।