Korba netagiri.in——कोरबा जिले में डी एम एफ की राशि मानों तो जैसे रेवड़ी हो गई हो कोरबा से बाहर के ठेकेदार और सप्लायर नए-नए तरीके डीएमएफ की राशि को खपाने के लिए लेकर आते हैं और उन्हें फिर जमकर भ्रष्टाचार किया जाता है सप्लाई के बाद सप्लाई की गई सामानों की गारंटी की भी कोई गारंटी नहीं है डीएमएस की राशि को लेकर किसी तरह की पारदर्शिता नहीं बरती जाती ना ही तो सूचना के अधिकार के तहत सही स्पष्ट जानकारियां दी जाती है कुल मिलाकर भ्रष्टाचार में परत डालने का काम किया जा रहा है यहां तक कि कार्य स्वीकृति की जानकारी भी कई जनप्रतिनिधियों को नहीं दी जा रही है जिससे उनके क्षेत्र में कराए गए कार्यों से भी वह अनभिज्ञ होते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन चौपाल कार्यक्रम के दौरान आम जनों द्वारा शिकायतों की लंबी फेहरिस्त देखा जा रहा जन आक्रोश
जानकारी अनुसार जहां सीएम के भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल ग्राम रंजना में सीएम के समक्ष जनशिकायतों से बचने 3 दिन पूर्व वॉटर प्यूरिफॉयर वितरण की जानकारी सामने आई। तो वहीं समुचित विद्युत व्यवस्था के अभाव में वॉटर प्यूरिफॉयर अनस्टाल मिले। मतलब बच्चों को इसका कोई लाभ मिलता नजर नहीं आया। अब हसदेव की टीम नजदीकी ग्राम बसन्तपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक -2 पहुंचीं ,जहाँ विद्युतविहीन केंद्र में 2 दिन पूर्व वॉटर प्यूरिफॉयर लगाए गए थे। कमोबेश यही डोंगरी क्रमांक -2 ,डोंगरी क्रमांक -4 एवं जवाली क्रमांक 1 में नजर आया। विद्युतविहीन केंद्रों में वॉटर प्यूरिफॉयर लगाया जा रहा था। जवाली में हमारी की टीम का सामना सीधे अम्बिकापुर के सप्लायर शोराब खान के इंजीनियर रामविलास से हुआ। जब हमने विद्युत विहीन केंद्रों में वाटर प्यूरिफॉयर लगाए जाने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्रों की लिस्ट थमा दी गई है ,वहाँ वे लगा रहे। विद्युत कनेक्शन मैडम लोग लगा लेंगी। सप्लायर के पास 20 केंद्रों की सूची थी। इनमें रंजना के 6,जवाली के 3 ,कोलिहा मुड़ा के 2,मोहनपुर के 3 ,डोंगरी के 4 ,राल के 2 ,डोकरीखार एवं आच्छीमार के एक एक केंद्र शामिल थे। जानकारी अनुसार पूरे जिले में तकरीबन 700 केंद्रों में वॉटर प्यूरिफॉयर लगाए जा रहे। इस कार्य के लिए तकरीबन 5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई है। जिसकी गुणवत्ता एवं भौतिक सत्यापन की दरकार है।
अलमारी, बुक सेल्फ केंद्रों से गायब, कार्यकर्ताओं के घरों में या दी गई फर्जी पावती
डीएमएफ से बुक सेल्फ एवं आलमारी प्रदान करने तकरीबन 15 करोड़ की राशि व्यय की गई है। लेकिन अधिकांश केंद्रों में ये नजर नहीं आते,या तो ये सभी सामग्री कार्यकर्ताओं के घरों की शोभा बढ़ा रहे या फिर उनसे प्राप्ति की फर्जी पावती ली गई है।यह जांच का विषय है। हसदेव की पड़ताल में इन केंद्रों में ये सामग्री नजर नहीं आई।
जर्जर केंद्रों में संचालन
कलेक्टर ,डीपीओ के तमाम निर्देशों के बावजूद बसंतपुर केंद्र क्रमांक 2 एवं जवाली केंद्र क्रमांक 1 जर्जर भवन में संचालित हो रहे। डोंगरी -4 की भी हालत अत्यंत निराशजनक है। फर्श टूटे फूटे मिले ,शौचालय दयनीय दशा में मिली। कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की मानें तो जर्जर केंद्रों में संचालन उनकी मजबूरी है। विभाग केंद्रों की सुध लेने की जगह सामग्री सप्लाई में जुटा है।
जर्जर केंद्रों में संचालन नहीं होगा, तत्काल संचालन बंद करवाएंगे
विद्युतविहीन केंद्रों में वॉटर प्यूरीफायर लगाए जाने की शिकायतें मिल रही है ,हमने निरीक्षण में भी यह स्थिति देखी। विद्युत विभाग से अविलम्ब कनेक्शन के लिए आवेदन करने निर्देश दिए हैं। जर्जर केंद्रों में संचालन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तत्काल संचालन बंद कराएंगे।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी,-प्रीति खोखर चखियार ,