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कोरबा की सड़कें हुई बदहाल जान जोखिम में डालकर चल रही जनता का हाल हुआ बेहाल, प्रशासनिक राजनीतिक अड़ियल रवैए ने आम जनता को किया परेशान

Chhattisgarh Korba problem of public —-कहते हैं कि किसी शहर के विकास की गवाह उस शहर की सड़कें होती हैं जिससे उस शहर के विकास का आकलन किया जा सकता है लेकिन कोरबा शहर में कुछ दिन पहले नगर निगम की करोड़ों रुपए खर्च कर मरम्मत के बाद उखड़ती सड़कों को लेकर भाजपाइयों ने महापौर को कमीशन देने लोगों से भीख मांगे थे लेकिन अब शहर के कुसमुंडा रोड की लगभग 7 किलोमीटर सड़क लोगों के जी का जंजाल बनी हुई है यहां

कोरबा की सड़कें बनी दलदल

दलदल में गिरा राहगीर

तक कि दलदल बन चुकी सड़कों की दुर्दशा को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के वीडियो शेयर करके तमाशा बना रहे हैं कछूआ गति से निर्माण हो रही सड़क के चलते प्रतिदिन सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहते हैं बरसात का मौसम होने के चलते लोग दलदल बन चुकी सड़कों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं तो वही वाहनों के पहिए भी दलदल में समा जा रहे हैं जिसे स्थानीय पुलिस के द्वारा जेसीबी के माध्यम से निकलवाने की ड्यूटी लगाई गई है सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे और दल दल के चलते जाम लगने से ट्रकों की लंबी कतारें लगी होती है जिसके चलते ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वही ट्रक चला रहे हैं ड्राइवर भी भूखे प्यासे कई घंटों जाम में फंसे होते हैं आपको बता दें कि एसईसीएल के सीएसआर फंड से लगभग 27 किलोमीटर रोड कुसमुंडा सरमंगला चौक इमलीछापर तरदा से हल्दी बाजार तक बनानी है जिसे नागपुर की कंपनी s.m.s. द्वारा ठेके पर लेकर निर्माण कराया जा रहा है लेकिन सड़क जो जनता की सुविधा में खर्च किए जाने वाले पैसे सी एस आर मद से स्वीकृत थी इसमें भी भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी हावी रही कुछ महीने पहले तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू ने किसी कारणवश निर्माण कार्य को रुकवा दिया था वह भी ऐसे समय में जब सड़क निर्माण का सही समय था ऐसे में प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर रानू साहू पर यह आरोप लगाए थे कि अपने निजी स्वार्थ के चलते सड़क के निर्माण कार्य को कलेक्टर द्वारा रुकवाया गया है यही नहीं राजस्व मंत्री ने सार्वजनिक रूप से कलेक्टर रानू साहू को सबसे भ्रष्ट अधिकारी भी बताया था कलेक्टर और राजस्व मंत्री के आपसी खींचतान में 5 महीने तक सड़क का काम रुका रहा और फिर बरसात शुरू होने के चलते रोड का काम समय रहते नहीं हो पाया और कछुआ गति से चलता रहा जिसका खामियाजा आम जनता अपनी जान जोखिम में डालकर भुगत रही है जिसके जिम्मेदार जिले के अधिकारी और राजनेता हैं जिन्होंने जनता के हित को ना ध्यान देते हुए अपने अड़ियल रवैया को बरकरार रखा

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