कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पेरेंट्स को फर्जी मामले की धमकी देकर साइबर ठगराज कर रहे पैसों की वसूली… इस बार छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व AG को फोन पर दी धमकी बेटे को छुड़ाना है तो पैसे लेकर आ जाओ….
Netagiri.in—-बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद वर्मा के मोबाइल पर कॉल कर धमकी देने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने उनके बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी देकर उन्हें पैसे लेकर थाने बुलाया। उन्होंने इस मामले की शिकायत चकरभाठा थाने में की है, जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हाईकोर्ट के पूर्व एडवोकेट जनरल सतीशचंद वर्मा तिफरा के बापजी कॉलोनी में रहते हैं। 11 जून को वो हाईकोर्ट में अपने ऑफिस में काम कर रहे थे। उसी समय उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने अपने आपको पुलिस कर्मी बताया और उनके बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्हें छुड़ाने के लिए पैसे लेकर थाने बुलाया गया। सीनियर एडवोकेट वर्मा ने धमकी भरे कॉल की जानकारी अपने सहयोगी वकीलों को दी। जिसके बाद उन्होंने चकरभाठा थाने में की। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है।
प्रदेश भर में हो रहे साइबर ठगों द्वारा इस तरह के फर्जी धमकी भरे कॉल्स की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है जो सुरक्षित प्रशासनिक सेवाओं को चुनौती दे रहे हैं
इस मामले में आपराधिक साजिश की आशंका
सीनियर एडवोकेट वर्मा ने जताई है कि कोई उनके खिलाफ आपराधिक साजिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस को बताया कि फोन करने वाले के पास उनके परिवार और बेटे के संबंध में जानकारी कैसे आई, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि इससे आशंका है कि कोई अपराधिक संगठन उनके परिवार की जानकारी रखता है। साथ ही उन्हें ब्लेकमेल कर पैसों की मांग कर रहा है।
धमकी देकर जालसाजी करने वालों का गिरोह सक्रिय
प्रदेश में पुलिस के नाम से धमकी देकर पैसे वसूली के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे ही जगदलपुर के गर्ल्स कॉलेज में कई छात्राओं के पेरेंट्स को फोन कर छात्राओं को अश्लील मामलों में फंसाने के संबंध में भी धमकी भरे कॉल आ चुके हैं अनुमान लगाया जा रहा है कि छात्र-छात्राओं द्वारा भरे जा रहे शैक्षणिक जरूर संबंधी फॉर्म या उनकी पर्सनल डीटेल्स लीक होने के चलते साइबर ठग इसका फायदा उठा रहे हैं और छात्र-छात्राओं के परिजनों के नंबर पर फर्जी धमकी भरे कॉल कर पैसों की वसूली कर रहे हैं साइबर ठग ऑनलाइन एफआईआर से शिकायतकर्ताओं के नंबर हासिल कर पुलिस कर्मी बनकर पैसे भी वसूल लिए। इसके बाद पुलिस की ओर से लोगों को कई बार सचेत भी किया गया है। इस तरह की ठगी को देखते हुए पुलिस ने अब एफआईआर से शिकायतकर्ताओं के नाम को विलोपित कर दिया है।