इस बार जहां प्रत्याशियों के खर्च की सीमा और विभिन्न सामग्री के दाम में चुनाव आयोग द्वारा बढ़ोतरी की गई है, वहीं चुनाव आयोग के खर्च में कमी कर दी गई है।
इस बार जहां प्रत्याशियों के खर्च की सीमा और विभिन्न सामग्री के दाम में चुनाव आयोग द्वारा बढ़ोतरी की गई है, वहीं चुनाव आयोग के खर्च में कमी कर दी गई है। इस बार आयोग ने मितव्ययी चुनाव कराने के लिए वाहनों, मतदान केंद्रों में दी जाने वाली सुविधाओं पर होने वाले खर्च, वीडियोग्राफी जैसे खर्च पर कंट्रोल किया है।
आंकड़ों के अनुसार 2018 के विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों की वीडियोग्राफी का बजट पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग एक करोड़ 12 लाख रुपये का था, इसे कम करते हुए इस बार 28 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा मतदान केंद्रों में लगाए जाने वाले टेंट में भी पिछले वर्ष एक करोड़ 58 लाख रुपये के लगभग राशि खर्च की गई थी, लेकिन इस बार इसके लिए भी सिर्फ 28 लाख रुपये का ही बजट दिया गया है।
वहीं इस विधानसभा चुनाव में कुल बजट 50 प्रतिशत से भी कम कर दिया गया है। आंकड़ों के अनुसार जिले में 1,869 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा चुनाव में तैनात अधिकारियों के लिए वाहन किराए से नहीं लिए जाएंगे। निगम मंडलों को आवंटित वाहनों में कटौती कर उन्हीं वाहनों को मतदान अधिकारियों को आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा विधायकों और मंत्रियों से जो वाहन वापस लिए गए हैं, उनको भी चुनाव के काम में लगे अधिकारियों को दिए जाएंगे।
इन जगहों में होता है खर्च
आयोग के खर्चे में टीए-डीए, पोलिंग पार्टियों का किराया, वीडियो सर्विलांस टीम, वेबकास्टिंग, टेंट, लाइट, माइक, भोजन, वीडियोग्राफी, मतदान सामग्री, मतदाताओं को जागरूक करने वाली सामग्री, जीपीएस ट्रैकिंग, प्रिंटिंग, अस्थाई निर्माण कार्य, ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना शामिल होता है।
24 चेकपोस्ट और 72 टीमें की गई हैं तैनात
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से ही सी-विजिल ऐप नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है। इसके लिए 23 टीमें बनाई गई हैं। जिसमें 69 अधिकारी-कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा जिले भर में 24 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। 72 टीमें दिन रात निगरानी कर रही हैं।
21 अक्टूबर को जारी की जाएगी अधिसूचना
जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान किया जाएगा। इसके लिए 21 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित की गई है और नाम वापसी के लिए दो नवंबर तक का समय प्रत्याशियों को दिया गया है। वहीं तीन दिसंबर को मतगणना होगी।
खर्च किया, लेकिन भुगतान में हुई दिक्कत
बीते वर्षों में हुए निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जिलों में बेहिसाब खुर्च किया गया, लेकिन इसके लिए अनुबंधित वेंडरों को भुगतान समय पर नहीं मिल पाया। अफसरों के अनुसार कई वेंडरों को दो से तीन वर्ष बाद इसका भुगतान किया गया था और कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद अब आयोग ने इसके खर्च को कम करने का निर्णय लिया है।
1108 शहरी और 761 ग्रामीण मतदान केंद्र
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 1869 कुल मतदान केंद्र हैं। जिसमें 1108 शहरी और 761 ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्र हैं। वहीं, कुल मतदान केंद्रों में से 935 बूथ की वेब कास्टिंग करवाई जाएगी, जिसमें सीसीटीवी के माध्यम से पोलिंग के दौरान मानीटरिंग होगी, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग से लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग भी इसे लाइव देख सकेंगे।
1108 शहरी और 761 ग्रामीण मतदान केंद्र
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 1869 कुल मतदान केंद्र हैं। जिसमें 1108 शहरी और 761 ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्र हैं। वहीं, कुल मतदान केंद्रों में से 935 बूथ की वेब कास्टिंग करवाई जाएगी, जिसमें सीसीटीवी के माध्यम से पोलिंग के दौरान मानीटरिंग होगी, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग से लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग भी इसे लाइव देख सकेंगे।