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कोरबाक्राइमछत्तीसगढ़

सरकारी पैसे में भ्रष्टाचार करने अधिकारी कर रहे मनमानी, बाउंड्री वॉल के नाम पर डेढ़ करोड़ से अधिक का खेला , मजबूत दीवारों को तोड़कर बना रहे भ्रष्टाचार की दीवाल

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Netagiri.in—कोरबा । सिंचाई विभाग रामपुर कोरबा अपने कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है। कभी नहर तटबंध टूट जाने का मामला सामने आता है तो कभी क्वाटर में तार पोलिंग डालकर भ्रष्टाचार का मामला उजागर होता है। इस बार विभाग के शासकीय कार्यालय जलसंसाधन विभाग व सरकारी क्वार्टर के बाउंड्रीवाल निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। पुरानी दीवार मजबूत और सही सलामत होने के बाद भी उसे तोड़कर महज 8 इंच की नई दीवार बनाई जा रही है। खास बात यह है कि इस काम के लिए डेढ़ करोड़ से अधिक का टेण्डर हुआ है। इसे शासकीय राशि की बर्बादी कहे तो गलत नहीं होगा।सिंचाई विभाग रामपुर कोरबा में लंबे समय से अधिकारी अंगद की पांव की तरह जमे हुए है। जिनकी शह पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है या तो विभाग जानबूझ कर भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर मेहरबानी दिखा रहा है या फिर पूरा खेल सांठ गांठ का है। कुछ इसी तरह का मामला बाउंड्रीवाल निर्माण में सामने आ रहा है। यहां कार्यालय और सरकारी आवास के लिए पहले से ही मजबूत बाउंड्रीवाल बनी हुई है। इसके बाद भी नया बाउंड्रीवाल बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए 1 करोड़ 54 लाख 53 हजार का टेण्डर हुआ है। सही सलामत दीवार को तोड़कर महज पैसे की बर्बादी करने में विभाग लगा हुआ है। विभाग के अधिकारी शासन को चूना लगा रहे है। और जिम्मेदार अधिकारी खामोशी से सबकुछ देख रहे है। बताया जा रहा है कि अच्छे खासे बाउंड्रीवाल को जानबूझ कर भ्रष्टाचार की मंशा से तोड़वाया जा रहा है। जबकि उसमें कोई दिक्कत नहीं है। न हीं कोई टूटफूट है। यहां तक कि निर्माण कार्य में जमकर अनिमितता बरती जा रही है। जिसकी मॉनिटरिंग भी नहीं हो रही है। जांच में भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है। वही हरे भरे पेड़ों की चढ़ा दी बलि,भ्रष्टाचार से निहित बन रहे बाउंड्रीवाल के लिए हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए सागौन और करंज के पेड़ को जड़ सहित उखाड़ा और काटा गया है। एक तरफ पर्यावरण संरक्षण का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर बाउंड्रीवाल के लिए हरे भरे पेड़ों को नुकसान पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि पेड़ काटने और उखाड़ने से संबंधित कोई अनुमति भी नहीं ली गई है। इसके बाद भी वनविभाग इसकी जांच करना मुनासिब नहीं समझ रहा है।निर्माण कमजोर , ईंट की क्वालिटी घटिया एक तरफ मजबूत दीवार को तोड़कर नई दीवार बनाई जा रही है। मगर निर्माण कार्य में गुणवत्ता को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। उपयोग में लाई जा रही ईंट घटिया क्वालिटी की है। इसके अलावा एक बोरी सिमेंट में 10 बोरी रेत का मसाला उपयोग में लाया जा रहा है। मौके पर मिक्चर मशीन चलाने वाले कर्मचारी ने स्वयं इस बात को कबूल किया है।

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