Chhattisgarh Korba पिछले डेढ़ महीने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे भू विस्थापितों को आखिरकार अपनी हड़ताल स्थगित करनी पड़ी आपको बता दें कि जिला मुख्यालय आईटीआई चौक में एनटीपीसी भूविस्थापित ग्रामीण अपनी स्थाई नौकरी की मांग को लेकर 16 अगस्त से हड़ताल पर बैठे थे लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन की तरफ से
उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही थी प्रबंधन के द्वारा कंपनी में नौकरी नहीं होने की बात कहकर वह विस्थापितों को भ्रमित किया जा रहा है मामले में जिला कलेक्टर संजीव झा ने पहल करते हुए एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों और भूविस्थापितों के मध्य मीटिंग करते हुए एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भूविस्थापितों की मांग पर गंभीरता से ध्यान ले जिस पर एनटीपीसी प्रबंधन ने स्थाई नौकरी नहीं होने का हवाला दिया तब कलेक्टर द्वारा विस्थापितों को एन टी पीसी के अधीन अस्थाई नौकरी देने का आदेश दिया गया और कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए भू विस्थापितों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है भूविस्थापितों ने मीडिया से चर्चा में बताया कि पिछले वर्ष 1979 एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा रेलवे लाइन पावर प्लांट और राखड डैम के लिए उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी और लिखित पत्र दिया गया था जिसमें स्थाई नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन आज पर्यंत तक लगातार भू विस्थापितों की मांग एवं पत्राचार के बाद भी प्रबंधन अपने वादे से मुकर रहा है भूविस्थापितों के पास कोर्ट के आदेश भी हैं जिसमें स्थाई नौकरी देने का आदेश है बावजूद इसके कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी की जा रही है एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि उनके पास स्थाई नौकरी नहीं है यह बोलकर भू विस्थापितों को नौकरी से वंचित रखा जा रहा है फिलहाल भू विस्थापितों ने हड़ताल स्थगित कर दी है लेकिन संतुष्ट नहीं है और उनका कहना है कि वे स्थाई नौकरी के लिए आगे की लड़ाई जारी रखेंगे