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कोरबा मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति पर लगा ग्रहण राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने नहीं किया अप्रूवल ,प्रदेश में अब 6 से बढ़कर 7 हुए मेडिकल कॉलेज

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छत्तीसगढ़ रायपुर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को लेकर आदेश जारी किया है, जिसमें कोरबा सहित छत्तीसगढ़ के

कोरबा मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति पर लगा ग्रहण राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने नहीं किया अप्रूवल
प्रदेश में अब 6 से बढ़कर 7 हुए मेडिकल कॉलेज

रायपुर। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को लेकर आदेश जारी किया है, जिसमें कोरबा सहित छत्तीसगढ़ के दो मेडिकल कॉलेज को अनुमति नहीं मिली है, जबकि प्रदेश के कांकेर जिले के कांकेर मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति दे दी गई है. आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज को लेकर पिछले कई वर्षों से लगातार कोरबा वासियों की उपेक्षा की जा रही है और अब एक बार फिर उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है वही प्रदेश में अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या छह से बढ़कर 7 हो गए हैं.

महासमुंद मेडिकल कॉलेज और कोरबा मेडिकल कॉलेज को अप्रूवल नहीं मिला है. तीन नए मेडिकल कॉलेज के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन एक को ही राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग से अप्रूवल मिला.

कांकेर के मेडिकल कॉलेज को परमिशन मिल रही है. महासमुंद के मेडिकल कॉलेज की 18 अक्टूबर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देते हुए मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और स्नातक एक्सपर्ट ग्रुप की संयुक्त मीटिंग कमेटी ने यह बताया कि एनाटॉमी के प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं पाई गई.

कुछ अन्य विषयों में एसोसिएट प्रोफेसर जैसे फॉरेंसिक, मेडिसिन, रेस्पिरेट्री, मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन, फिजियोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर के पद रिक्त पाए गए. एनाटॉमी डिसेक्शन हॉल शहीद शव लेपन की सुविधाएं नहीं पाई गई.

23 और 24 अगस्त को मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और अंडर ग्रेजुएट एक्सपर्ट ग्रुप में प्रथम निरीक्षण के बाद महासमुंद मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2021-22 को एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लायक नहीं गया था, लेकिन महासमुंद मेडिकल कॉलेज कि कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर 18 अक्टूबर को लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई थी.

कल कॉलेज को अनुमति नहीं मिली है, जबकि प्रदेश के कांकेर जिले के कांकेर मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति दे दी गई है. आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज को लेकर पिछले कई वर्षों से लगातार कोरबा वासियों की उपेक्षा की जा रही है और अब एक बार फिर उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है वही प्रदेश में अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या छह से बढ़कर 7 हो गए हैं.

महासमुंद मेडिकल कॉलेज और कोरबा मेडिकल कॉलेज को अप्रूवल नहीं मिला है. तीन नए मेडिकल कॉलेज के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन एक को ही राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग से अप्रूवल मिला.

कांकेर के मेडिकल कॉलेज को परमिशन मिल रही है. महासमुंद के मेडिकल कॉलेज की 18 अक्टूबर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देते हुए मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और स्नातक एक्सपर्ट ग्रुप की संयुक्त मीटिंग कमेटी ने यह बताया कि एनाटॉमी के प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं पाई गई.

कुछ अन्य विषयों में एसोसिएट प्रोफेसर जैसे फॉरेंसिक, मेडिसिन, रेस्पिरेट्री, मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन, फिजियोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर के पद रिक्त पाए गए. एनाटॉमी डिसेक्शन हॉल शहीद शव लेपन की सुविधाएं नहीं पाई गई.

23 और 24 अगस्त को मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और अंडर ग्रेजुएट एक्सपर्ट ग्रुप में प्रथम निरीक्षण के बाद महासमुंद मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2021-22 को एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लायक नहीं गया था, लेकिन महासमुंद मेडिकल कॉलेज कि कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर 18 अक्टूबर को लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई थी.

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