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कोरबाछत्तीसगढ़

पांचवी अनुसूची में शामिल होने के बाद भी बिना ग्राम सभा बुलाए सर्वे कंपनी कर रही सर्वे ब्लास्टिंग से हो रहा ग्रामीणों का नुकसान ग्रामीणों और सर्वे कंपनी के बीच हो रहा विवाद

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ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कर रही एशियन कंपनी का ग्रामीण कर रहे विरोध

कोरबा 16 दिसंबर 2021:- जिला कोरबा के करतला ब्लॉक में ग्राम- जिल्गा,बरपाली,राजाडीह,और अन्य जगह एशियन एनर्जी लिमिटेड कंपनी जो से इस क्षेत्र में बिना ग्राम सभा बिना ग्राम-पंचायत के अनुशंसा किए बगैर माइनिंग सर्वे का काम कर रही है,जिसका विरोध उस छेत्र के मूलनिवासी लोग कर रहे है,आपको बता दे कि,यह सम्पूर्ण छेत्र भरतीय संविधान की 5वीं अनुसूची में आता है,साथ ही यहां पेसा अधिनियम 1996 लागू है, लेकिन बावजूद इसके नियमों की अनदेखी करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में कंपनी द्वारा ग्रामीणों के विरोध के बाद भी सर्वे का काम किया जा रहा है जिसमें हैवी ब्लास्टिंग भी क्या जा रहा है ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा और हमारी खेती किसानी भी प्रभावित होगी लेकिन विरोध के बाद भी कंपनी द्वारा जबरन 3d सर्वे के लिए जंगलों की खुदाई करके केबल बिछाने का काम कर रहे है,यह छेत्र पुरी तरह जंगलों से घिरा हुआ है,और हाथियों का विचरण लगातार रहता है,साथ ही अन्य वन्य जीव यहाँ निवासरत है,इस छेत्र को वर्तमान की कांग्रेश सरकार बर्बाद करने में तुली हुई है,,जिससे वहां के लोग काफ़ी ज्यादा आक्रोशित है,और भविष्य में कोई बड़े अनहोनी होने की संभावनाओं से भी इंकार नही किया जा सकता,पूर्व में दिनाँक:- 22/11/2021 के भी उस छेत्र के गांववालों ने माननीय राज्यपाल जी, और माननीय मुख्यमंत्री जी,छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर विरोध जताया था वही कोरबा कलेक्टर जनदर्शन में भी पहुंचकर ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सर्वे कार्य को रोकने ज्ञापन सौंपा है,परन्तु सर्वे का काम रुका नही बल्कि और तेजी से जारी हो गया है,जिससे उस छेत्र में सर्वे कंपनी और ग्रामीणों के बीच अशांति का माहौल है।वहाँ के आदिवासी मूलनिवासी का कहना है,किसी भी हालत में जंगल को बर्बाद नही करने देंगे,और यह बात तो तय है कि जिस तरीके से विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस सरकार के लोग हसदेव अरण्य छेत्र को बचाने की बात करते थे,पर आज उनकी सचाई लोगों के सामने है,सरकार इन छेत्रों को पूंजीपतियों अडानी जैसे कंपनी को बेच देगी और हम मूलनिवासी ऐसा होने नहीं देंगे इस क्षेत्र में कोयले का उत्खनन करने जैसी किसी भी गतिविधियों पर ग्रामीणों की नजर रहेगी और सर्वे जैसे कार्यों का भी विरोध किया जाएगा

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