शिक्षा व्यवस्था की लड़खड़ाती शर्मसार कर देने वाली तस्वीर देखकर आप हो जाएंगे हैरान देखिए वीडियो हाले छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ कोरबा 22 सितंबर 2021 कहते हैं विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है जहां पालक अपने बच्चों को भविष्य संवारने भेजते हैं और भविष्य जिसे निखारने वाले गुरु को भविष्य निर्माण में सबसे बड़ा दर्जा दिया गया है लेकिन जब यही भविष्य निर्माता जो बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाता है अगर वह खुद ही अपने पैरों पर खड़ा ना हो पाए वह भी नशे में धुत तो आप क्या कहेंगे ऐसे ही शर्मसार कर देने वाली तस्वीर कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के ग्राम पंचायत करी माटी में देखने को मिली जब क्षेत्रीय जनपद सदस्य प्रताप सिंह मरावी अचानक स्कूल निरीक्षण करने करी माटी के शासकीय प्राथमिक शाला पहुंचे लेकिन प्रधान पाठक के कक्ष में मरावी जी के पैर रखते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि वहां उपस्थित प्रधान पाठक रामनारायण प्रधान शराब के नशे में जमीन में लौटते नजर आए प्रधान साहब इतने नशे में थे कि उनकी पेंट भी लघुशंका से सराबोर थी वहीं पास में भोजन की थाली के साथ रखी मुर्गे की अस्थियां भी उनकी शराब खोरी की गवाही दे रही थी कि किस तरह शिक्षा के मंदिर में दारू मुर्गा चलाया जा रहा था मौके पर पहुंचे जनपद सदस्य प्रताप सिंह मरावी ने उनसे बात करने की कोशिश की तो वे अपने पैरों में खड़े तक नहीं हो पाए बल्कि शराब की मस्ती में जमीन में इधर-उधर लो टते रहे अपने प्रधान पाठक का पूरा तमाशा स्कूल के नौनिहाल बच्चे देखते रहे बच्चों की माने तो यह पहली बार नहीं जब गुरु जी बच्चों के सामने सर्कस करते नजर आए बल्कि आए दिन गुरु जी शराब के नशे में स्कूल आकर बच्चों को उचित शिक्षा देने की बजाय उनका मनोरंजन कर उनके भविष्य से खिलवाड़ करते रहे हैं
बच्चों के सुरक्षा पर भी उठ रहे सवाल
कई बार स्कूलों में शिक्षकों के के द्वारा अभद्रता एवं अप्राकृतिक कृत्य की घटनाएं सामने आई है जिस तरह से शराब के नशे में शिक्षक है ऐसे में बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि स्कूल में छोटी छोटी बच्चियां भी शिक्षा लेने आती है ऐसे में नशे में धुत अगर शिक्षक ने किसी तरह की गलती की या उसे नशे में देखकर किसी बाहरी व्यक्ति ने स्कूल में घुसकर किसी अनहोनी घटना को अंजाम दिया तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे
सरकार कर रही शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने का प्रयास
एक तरफ राज्य सरकार बच्चों की कोरोनावायरस प्रभावित हुई शिक्षा को पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है जिसके लिए नए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं और आत्मानंद जैसे स्कूलों को खोला जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अच्छे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य का निर्माण करें कल मुख्यालय में हुई बैठक में भी प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने ग्रामीण शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और आज शिक्षा व्यवस्था की ऐसी लड़ाती तस्वीर सामने आई जिसने जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं
रेणु जायसवाल कोरबा(9827799070)