netagiri.in केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है। सीएए की अधिसूचना जारी होते ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कैसे होगा? कौनसे धर्म के लोग सीएए के तहत आवेदन कर सकते हैं? किन राज्यों में सबसे ज्यादा शरणार्थी हैं? सीएए लागू होने के मौके पर जानिए इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब।
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1. सीएए से किसे मिलेगी नागरिकता?
नागरिकता संशोधन कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।
2. अप्रवासी को कैसे मिलेगी नागरिकता?
भारतीय नागरिकता उस अप्रवासी को दी जाएगी जो पिछले एक वर्ष और पिछले 14 वर्षों में से कम से कम पांच वर्षों में भारत में रहा हो। पहले प्रवासियों के लिए देशीयकरण द्वारा नागरिकता 11 वर्ष थी।
3. सीएए से पूर्वोत्तर के राज्यों को क्या फायदा?
यह कानून संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को छूट देता है, जिसमें असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र जिले शामिल हैं।
4. कब पारित हुआ था नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता कानून में संशोधन का बिल दिसंबर 2019 में ही संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा से पास हो गया था। जनवरी 2020 में राष्ट्रपति ने भी सीएए को भी दे दी थी, लेकिन इसके नियम नहीं बन पाने के कारण इसे लागू करने में देरी हो रही थी।
5. कितने दिन में बने सीएए के नियम
भारत में आमतौर पर कोई भी कानून बनने के बाद 6 माह की अवधि उसके नियम बनाने होते हैं। ऐसा नहीं होने की स्थिति में संसद से अतिरिक्त समय मांगना पड़ता है। नागरिकता संशोधन कानून में गृह मंत्रालय ने 9 बार एक्सटेंशन मांगा था।
6. नागरिकता के लिए कौन आवेदन कर सकेगा?
सीएए के तहत 6 अल्पसंख्यक यानी हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
7. सीएए में मुस्लिम क्यों शामिल नहीं किए गए?
धर्म के आधार पर नागरिकता दिया जाना बताकर कई लोग सीएए का विरोध भी करते हैं। सीएए में मुस्लिमों को शामिल नहीं करने के पीछे सरकार का तर्क है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं और यहां पर गैर-मुस्लिमों को धर्म के आधार पर सताया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है। इसलिए गैर-मुस्लिम यहां से भागकर भारत आए हैं। यही वजह है कि सीएए के तहत गैर-मुस्लिमों को ही नागरिकता दी जाएगी।
8. सीएए से कितने लोगों को मिलेगी नागरिकता?
भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू होते ही 31 हजार 313 लोग इसके तहत नागरिकता पाने के पात्र हो गए। ये वो लोग हैं, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान आदि से आकर भारत बस गए। इनमें 25 हजार 447 लोग हिंदू और 5 हजार 807 सिख, 55 ईसाई, बौद्ध और पारसी धर्म के 2-2 लोग थे।
9. सीएए पर रिपोर्ट किसने तैयार की?
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जनवरी 2019 में एक संयुक्त संसदीय समिति ने इस पर
रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें आईबी और रॉ के अधिकारी भी शामिल थे और समिति के अध्यक्ष भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल को बनाया गया था।
10. नागरिकता के लिए आवेदन कैसे करें?
सीएए के तहत नागरिकता लेने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए भारत सरकार ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। मोबाइल फोन से भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। गृह मंत्रालय जांच के बाद नागरिकता प्रमाण पत्र जारी करेगा।
11. क्या सीएए से छीनी जाएगी किसी नागरिकता?
इस सवाल का जवाब नहीं है, क्योंकि सीएए नागरिकता प्रदान करने का कानून है ना कि छीनने का। किसी भारतीय की नागरिकता छीन लेने का इसमें कोई प्रावधान नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह पूर्व में कह भी चुके हैं कि सीएए में किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।