Netagiri.in—कोरबा। चुनावी लाभ लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के लोगों के द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सरकारी मशीनरी का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है। महतारी वंदन योजना का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों का नाम और उनकी पूरी सूची तैयार करने का काम बीएलओ के माध्यम से कराया जा रहा है। बूथ लेबल अधिकारी निर्वाचन आयोग के अधीनस्थ काम करते हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कलेक्टर के निर्देश का हवाला देकर ऐसे महिला बाल विकास कर्मी जो बीएलओ का भी काम कर रहे हैं, उनसे मतदाता सूची का आदान-प्रदान करवा कर महतारी वंदन के लाभार्थियों का डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। इन कर्मचारियों को उनकी नौकरी का हवाला देकर यह तक कहा जा रहा है कि प्रत्येक महतारी वंदन की लाभार्थी को घर-घर जाकर वोट देने के लिए कहना है और अगर वोट में कोई अंतर आया तो खैर नहीं होगी। मतदान दिवस के दिन महतारी वंदन के लाभार्थियों के नाम और उनकी संख्या के आधार पर मतदान प्रतिशत की जानकारी कलेक्टर को देने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं।
कोरबा लोकसभा की सांसद व प्रत्याशी ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा है कि इस तरह की जानकारी उन्हें अपने पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के माध्यम से मिल रही है। बीएलओ और महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानसिक तनाव और दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मतदान के प्रति जागरूकता और शत-प्रतिशत मतदान के लिए जब शासन-प्रशासन निर्वाचन आयोग, कई तरह की स्वयंसेवी संस्थाएं विभिन्न प्रकार से कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तो सिर्फ महतारी वंदन के लाभार्थियों की सूची बीएलओ के मतदाता सूची माध्यम से तैयार करवा कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने का काम कराना पूर्ण रूप से आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव के समय विभागीय कर्मी भी आचार संहिता के दायरे में बंधे हुए हैं चाहे वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका ही क्यों ना हों? इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से कर दी गई है। ज्योत्सना महन्त ने कहा है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करना हर राजनीतिक दल का कर्तव्य और धर्म है। भारतीय जनता पार्टी के लोग चुनाव में सत्ता और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने से बाज आएं।